फिरोजाबाद। अवैध पटाखा गोदाम में भीषण विस्फोट से कई मकान ढह गए और मलबे में दर्जनों लोग दब गए। गोदाम में रहने वाले चौकीदार की पत्नी मीरा देवी, 20 वर्षीय अमन, 18 वर्षीय गौतम और तीन वर्ष की इच्छा की मौत हो गई। एक दर्जन लोग घायल हैं। आधा दर्जन घायलों को अस्पताल भेजा गया है।
टना के एक घंटे बाद तक प्रशासन राहत कार्य शुरू नहीं करा सका। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। रात 11 बजे के बाद राहत कार्य शुरू हो सका। धमाके से एक दर्जन मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
मकान को बनाया था गोदाम
शिकोहाबाद में कानपुर हाईवे किनारे स्थित नौशेहरा गांव में भूरे खां ने चंद्रपाल कुशवाहा का घर किराए पर लेकर पटाखे का गोदाम बना रखा था। रात में एक चौकीदार और उसकी पत्नी मीरा देवी रहती थी। सोमवार रात 10 बजे अचानक गोदाम में धमाका हुआ। धमाके की गूंज 15 किमी तक क्षेत्र में सुनाई दी।
धमाके से गोदाम के आसपास के एक दर्जन घर ढह गए तो कई घरों में दरारें पड़ गईं। धमाके के वक्त अधिकांश लोग घरों में सोए हुए थे। घरों के मलबे में दर्जनों लोगों के दबे होने की आशंका जताई गई है।
रात 10:30 बजे स्थानीय पुलिस पहुंची, लेकिन राहत कार्य शुरू नहीं हो पाया। ग्रामीणों ने पुलिस के देर से पहुंचने पर नाराजगी जताते हुए पथराव कर दिया। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से ग्रामीणों को समझाया।
इसके बाद जेसीबी बुलाकर मलबा हटाए जाने का काम शुरू हो सका। पुलिस के साथ गांव वालों ने मलबे से लोगों को निकालना शुरू किया। रात 10:45 बजे फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची और आतिशबाजी में सुलगती आग पर काबू पाना शुरू कर दिया।
फायर ब्रिगेड की गाड़ियों और जेसीबी से राहत अभियान शुरू किया गया, लेकिन मलबे से निकाले गए लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी।
घायलों को प्राइवेट वाहनों से अस्पताल भेजा गया। साढ़े 11 बजे एंबुलेंस पहुंची। देर रात तक राहत व बचाव अभियान जारी था। आधा दर्जन घायलों को शिकोहाबाद के सौ शैय्या अस्पताल और फिरोजाबाद के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
एसएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि आतिशबाजी की जिस गोदाम में धमाका हुआ है, उसका लाइसेंस बताया गया है। इसकी जांच कराई जाएगी। गोदाम मालिक फरार है। राहत कार्य जारी है। घायलों को समुचित उपचार की व्यवस्था की गई है।
इंस्पेक्टर के पकड़े लिए पैर… साहब मेरे बच्चों को निकालो
घटनास्थल पर सबसे पहले इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार पहुंचे। उस समय ग्रामीणों की भीड़ जमा था और वे असहाय खड़े थे। इंस्पेक्टर को देखते ही एक ग्रामीण ने उनकी पैर पकड़ लिए। बोले किसी तरह मेरे बच्चों को निकालो। इस दौरान एक युवक ने पथराव भी किया। इंस्पेक्टर ने किसी तरह ग्रामीणों को शांत किया।