सेना के पास नहीं होगा विकल्प
पाकिस्तान के इतिहास में लगभग आधे समय तक में सैन्य जनरल की ओर से प्रत्यक्ष रूप से शासन किया गया है। अब्बासी ने चेतावनी दी कि यदि समाज और संस्थानों के बीच टकराव बहुत गहरा हुआ, तो ऐसी स्थिति में देश की सेना दखल दे सकती है। हालांकि, पीएमएल-एन नेता ने उम्मीद जताई कि सेना मार्शल लॉ लगाने के विकल्प पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि सेना उस पर विचार कर रही है, लेकिन जब उनके पास कोई विकल्प नहीं बचता है, तो सेना देश की सत्ता पर नियंत्रण कायम कर लेती है।
आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के पिछले साल सत्ता से हटने के बाद उनके और सेना के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं और सेना ने कई बार कहा है कि वह राजनीति से बाहर रहेगी। पाकिस्तान वर्तमान में उच्च विदेशी ऋण और आसमान छूती मुद्रास्फीति से जूझ रहा है। देश के केंद्रीय बैंक ने पिछले सप्ताह कहा था कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर चार अरब डॉलर रह गया है।