पिछले एक सप्ताह से तीन न्यायधीशों की बेंच याचिका की सुनवाई कर रही है। जजों की बेंच में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, जस्टिस इजाजुल अहसन और मुनीब अख्तर शामिल हैं। गठबंधन सरकार की ओर से लगातार एक बड़ी बेंच के गठन के अनुरोध को खारिज करते रहे हैं। इससे पहले सोमवार को अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
क्या बोले बिलावल
बिलावल भुट्टो ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘मेरी चिंता है कि अगर बड़ी बेंच का गठन नहीं किया गया तो ऐसा संवैधानिक संकट पैदा हो जाएगा कि पाकिस्तान पर फिर से मार्शल लॉ लागू हो जाए।’ बिलावल भुट्टो ने इस बात को भी स्वीकार किया कि वह एक बड़ा बयान दे रहे हैं। शीर्ष अदालत की ओर से फैसला सुरक्षित रखने के बाद बिलावल ने यह बयान दिया है और कहा कि अभी भी सभी के लिए अपने होश में आने का समय है। उन्होंने कहा कि संस्थानों के आचरण से देश को फायदा होना चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि हमारे जज चुनाव की तारीखों से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए एक पूर्ण बेंच का गठन करें।
इमरान ने भी जताई आशंका
लगातार बड़ी बेंच की मांग करने के पीछे बिलावल ने कहा कि तीन लोगों के फैसले का असर एक बड़ी बेंच से अलग होगा। उन्होंने जजों पर भी सवाल उठाए। 9 जजों की बेंच को तीन किए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि बाकी जजों में अविश्वास था। इससे पहले इमरान खान भी पाकिस्तान में मार्शल लॉ की बात कह चुके हैं। इमरान ने कहा था कि अगर देश में 90 दिनों के भीतर चुनाव नहीं होते हैं तो एक बड़ा संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा। अगर लोग इन्हें (शहबाज शरीफ गठबंध) नकारते हैं तो यह मार्शल लॉ लगा देंगे।