प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में MBBS की एक छात्रा ने शुक्रवार को फांसी लगा ली। सुबह से ही उसके कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। देर शाम तक दरवाजा नहीं खुला, तो हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं उसके कमरे के पास पहुंची। खिड़की के अंदर से झांक कर देखा तो वह फंदे से लटक रही थी।
छात्राओं ने फौरन प्रिंसिपल को इसकी सूचना दी। जिसके बाद प्रिंसिपल ने पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने शव को फंदे से उतार दिया है। मेडिकल कॉलेज की ओर से परिवार वालों को सूचना दे दी गई है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।
2020 बैच की एमबीबीएस छात्रा थी
श्रुति श्रीवास्तव 2020 बैच की एमबीबीएस छात्रा थी। मेडिकल कॉलेज के कैंपस में बने गर्ल्स हॉस्टल में रहकर डॉक्टरी की पढ़ाई करती थी। वह मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली थी। उसके पिता का नाम मनोज श्रीवास्तव है। हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राओं ने बताया कि श्रुति का कमरा सुबह से ही अंदर से लॉक था। कुछ छात्राओं ने दरवाजा खटखटाया लेकिन दरवाजा न खुलने से लगा कि वह सो रही है। लेकिन देर शाम तक जब उसका दरवाजा नहीं खुला तो अनहोनी की आशंका हुई। छात्राओं ने खिड़की से झांक कर देखा तो अंदर उसकी लाश फंदे से लटक रही थी।
कमरे में नहीं मिला कोई सुसाइड नोट
उन्होंने फौरन इसकी सूचना हॉस्टल वार्डन को दी। जिसके बाद प्रिंसिपल और पुलिस को भी बुलाया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि उसने इस तरह का कदम क्यों उठाया? उसके कमरे से अभी तक कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है। पुलिस ने छात्रा का मोबाइल फोन अपने कब्जे में लिया है। सीएमओ डॉक्टर आशु पांडेय भी मौके पर पहुंचे थे।। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से छात्रा बहुत तनाव में थी। वह कमरे में गुमसुम रहती थी।
श्रुति के बैग से दवाएं मिली
सुसाइड करने वाली छात्रा श्रुति के बैग से कुछ दवाईयां भी मिली हैं। जिसे फोरेंसिक लैब की टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है। तीन दिन पहले ही उसकी रूम मेट ने वार्डेन को आवेदन कर अलग कमरे की मांग की थी। उसने यह भी बताया था कि श्रुति की वजह से उसकी पढ़ाई डिस्टर्ब हो रही है। इसके बाद तीन दिन पहले ही उसे दूसरे कमरे में अलग शिफ्ट किया गया था।
प्रिंसिपल बोले- डिप्रेशन में थी
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह के अनुसार “ श्रुति श्रीवास्तव MBBS थर्ड ईयर की छात्रा थी। पता चला है कि वह मानसिक रूप से परेशान थी। डिप्रेशन की भी दवा चल रही थी। उसके परिवार के लोग 2 दिन पहले ही प्रयागराज उससे मिलने आए थे। वह आज सुबह 8 बजे तक हॉस्टल के बरामदे में टहलती हुई अन्य छात्राओं को दिखी थी। उसके बाद से वह नजर नहीं आई। छात्राओं के मुताबिक, वह परेशान दिख रही थी। परिवार के लोगों को इसकी सूचना दे दी गई है।”