नई दिल्ली: वंदे भारत एक्सप्रेस, भारतीय रेल (Indian Railways) की शान। इसे प्रीमियम ट्रेन (Premium Trains of India) माना जाता है। यह शताब्दी एक्सप्रेस (Shatabdi Express) से भी तेज दौड़ती है। राजधानी एक्सप्रेस (Rajdhani Express) तो तेज दौड़ती ही है। लेकिन वंदे भारत एक्सप्रेस में एक महत्वपूर्ण बदलाव होने वाला है। अभी तक वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 डिब्बे हुआ करते थे। आने वाले दिनों में आप 8 डिब्बे की वंदे भारत ट्रेन भी देखेंगे। मतलब वंदे भारत का मिनी रैक। रेलवे बोर्ड ने 8 डिब्बे वाले वंदे भारत एक्सप्रेस बनाने का आर्डर भी इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) को दे दिया है। बताया जाता है कि मिनी वंदे भारत ट्रेन को सिकंदराबाद से तिरूपति और एमजीआर चेन्नई सेंट्रल से कोयंबटूर के बीच चलाया जा सकता है।
क्यों बन रही है मिनी वंदे भारत
अभी तक वंदे भारत ट्रेन का कोच कंपोजिशन 16 डिब्बों का रहा है। इनमें दो डिब्बे ड्राइवर्स कैब की शक्ल में, मतलब कि इंजन वाले डिब्बे। दो डिब्बे एक्जीक्यूटिव चेयर कार (Executive Class) के हैं। शेष डिब्बे एसी चेयर कार (AC Chair Car) के हैं। रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि कुछ रूट्स पर तो वंदे भारत भर कर चलती है, लेकिन कुछ रूटों पर पैसेंजर्स का टोटा है। इसलिए अब कुछ ऐसे वंदे भारत ट्रेन बनाने की योजना है, जिसमें कम डिब्बे होंगे। कम डिब्बे होने से कम पैसेंजर्स में भी ट्रेन भरी हुई दिखेगी।
दिल्ली मेट्रो से क्या है समानता
दिल्ली मेट्रो का ट्रेन भी वंदे भारत ट्रेन की तरह ही है। इसकी अधिकतर ट्रेन 8 डिब्बे के ही हैं। कुछ ट्रेन अभी भी 6 डिब्बे के हैं, लेकिन उसे भी चरणबद्ध तरीके से 8 डिब्बों का किया जा रहा है। अंतर सिर्फ इतना है कि दिल्ली मेट्रो की ट्रेन में यात्रियों के बैठने की कुर्सी अलग तरीके से बनी होती है। वंदे भारत में पैसेंजर्स के बैठने की कुर्सी शानदार तरीके से बनी होती है। यह 360 डिग्री घूम भी सकती है। वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों के खाने-पीने की व्यवस्था होती है पर दिल्ली मेट्रो में सफर के दौरान कुछ भी खाना-पीना मना होता है।
अभी तक पटरियों पर 11 वंदे भारत
इस समय देश भर में 11 वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही हैं। इनमें नई दिल्ली से वाराणसी, नई दिल्ली से माता वैष्णो देवी कटड़ा, नई दिल्ली से अंब अंदौरा, नई दिल्ली से भोपाल, मुंबई से गांधीनगर, मुंबई से सोलापुर, मुंबई से शिरडी, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से महाराष्ट्र के नागपुर, मैसूर से चेन्नई, विशाखापट्नम से सिकंदराबाद, न्यू जलपाईगुड़ी से हावड़ा आदि शामिल हैं। वंदे भारत ट्रेनों से लोगों का सफर काफी आसानी हो गया है। अब एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में पहले के मुकाबले काफी कम समय लग रहा है। साथ ही आरामदेह तरीके से।
कब चली थी देश की पहली वंदे भारत
देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस साल 2019 में चली थी। यह नई दिल्ली और वाराणसी के बीच शुरू की गई थी। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। देश की दूसरी वंदे भारत नई दिल्ली से माता वैष्णो देवी कटड़ा के बीच चलाई गई थी। तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस पिछले साल मुंबई और अहमदाबाद के पास गांधीनगर के बीच शुरू की गई थी। चौथी वंदे भारत दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के ऊना के पास अंब अंदौरा के बीच चलाई गई थी। पांचवीं वंदे 11 नवंबर, 2022 को मैसूर और चेन्नई के बीच चलाई गई। छठी वंदे भारत महाराष्ट्र के नागपुर से छत्तीगढ़ के बिलासपुर के बीच चलाई गई। इसके बाद कोलकाता के पास हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी और तेलंगाना के सिकंदराबाद से आंध्र प्रदेश के विशाखापटट्नम के लिए वंदे भारत चलाई गई थी। बीते एक अप्रैल को दिल्ली से भोपाल के वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई गई थी।