नई दिल्ली
विदेश मंत्रालय ने कहा कि नौकरी के लिए अवैध तरीके से म्यांमार, लाओस और कंबोडिया भेजे गए 350 से अधिक लोगों को अब तक छुड़ाया गया है। इनमें से म्यांमार से 200, कंबोडिया से 100 तथा लाओस से 64 लोगों को मुक्त कराया गया। काफी लोग स्वदेश लौट चुके हैं जबकि शेष लौटने की प्रक्रिया में हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि म्यांमार में सबसे ज्यादा लोग थे जिनमें से 200 से अधिक लोगों को मुक्त कराया गया। इनमें से 153 लोग भारत लौट चुके हैं और कुछ लोग अभी थाइलैंड की हिरासत में हैं। उन्हें वापस लाने के लिए भारत का दूतावास कार्य कर रहा है। इसी प्रकार कंबोडिया और लाओस में भी यह प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि म्यांमार में कुछ और लोग हो सकते हैं जिनके लिए प्रयास जारी हैं।
लोगों को आगाह किया
बागची ने लोगों से रोजगार के लिए अवैध तरीके से विदेश भेजने वालों से फिर आगाह किया है। दरअसल, कई एजेंसिया लोगों को अराइवल वीजा पर थाइलैंड भेजती हैं और वहां से वे लोग कंबोडिया, लाओस व म्यांमार जाते हैं। उन्होंने कहा कि वीजा आन अराइवल सिर्फ पर्यटकों के लिए होता है। अगर कोई एजेंसी रोजगार के लिए किसी को थाइलैंड ले जाएगी तो इसके लिए अलग से वीजा लगाना होता है। रोजगार के लिए कोई भी अराइवल वीजा पर नहीं जा सकता।
8 भारतीयों का मसला कतर के समक्ष उठाया
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को हिरासत में लिए जाने के मामले को वहां के प्रशासन के समक्ष लगातार उठाया गया है। हिरासत में बंद इन लोगों तक अधिक राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए प्रयास जारी है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इस मामले पर बहुत करीब से नजर रखे हुए हैं। दोहा में हमारा दूतावास स्थानीय अधिकारियों के नियमित संपर्क में है। मंत्रालय और राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है और इस बारे में अधिक जानकारी मिलने पर बताएंगे।’
जाकिर नाइक को कतर ने न्योता नहीं दिया
कतर ने भारत को जानकारी दी है कि विवादास्पद उपदेशक जाकिर नाइक को फीफा फुटबॉल विश्वकप 2022 में हिस्सा लेने के लिये कोई निमंत्रण नहीं दिया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने यह मसला कतर के सामने उठाया था और बताया था कि जाकिर नाइक भारतीय कानून के तहत आरोपी है। बता दें कि जाकिर नाइक को फीफा विश्व कप में बुलाने पर भारत ने नाराजगी जताई थी।