हाथरस कांड की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग के सामने गुरुवार को स्वयंभू संत भोले बाबा उर्फ बाबा नारायण साकार हरि की पेशी हुई. वह विधायक बाबूराम पासवान की ‘भाजपा विधायक’ लिखी गाड़ी में बैठकर भारी सुरक्षा के बीच पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया. इस दौरान लखनऊ के हजरतगंज सचिवालय में बने न्यायिक आयोग के दफ्तर के अंदर बाहर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे. भोले बाबा की पेशी के दौरान विधायक बाबूराम पासवान भी उनके साथ रहे.
हालांकि न्यायिक आयोग के अध्यक्ष और रिटायर्ड जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव के सामने भोले बाबा को अकेले ही जाने दिया गया. जहां उन्होंने अपने बयान दर्ज कराने के साथ ही आयोग की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए. बता दें कि इसी साल दो जुलाई को भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ साकार नारायण हरि का सत्संग आयोजित किया गया था. सत्संग खत्म होने के बाद जब भोले बाबा कार्यक्रम स्थल से जाने लगे थे, ठीक उसी समय भगदड़ मच गई. इसमें 121 लोग मारे गए थे. वहीं दो दर्जन से अधिक लोग बुरी तरह से घायल हुए थे. यह सभी लोग अन्य लोगों द्वारा कुचले जाने की वजह से घायल हुए और मारे गए थे. इस मामले में हाथरस पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था. शुरू में नाम भोले बाबा का भी था, लेकिन चार्जशीट में उनके नाम को हटा लिया गया था.
दो घंटे से अधिक हुई पूछताछ
न्यायिक आयोग के सामने भोले बाबा से बंद कमरे में करीब 2.15 घंटे तक पूछताछ हुई. इस दौरान आयोग ने संत्संग स्थल पर भगदड़ को लेकर कई सवाल पूछे. इस दौरान भोले बाबा ने सत्संग में शामिल 1100 लोगों का एफिडेविट भी आयोग को सौंपा. बताया जा रहा है कि भोले बाबा ने आयोग की ओर से पूछे गए सभी सवालों के जवाब दिए हैं. इस पूछताछ के दौरान पुलिस ने करीब एक किमी का इलाका सील कर दिया था. यहां तक कि जनपथ मार्केट की सभी दुकानों को भी बंद करा दिया गया था. चूंकि बाबा के लखनऊ आने की सूचना पर बड़ी संख्या में उनके अनुयायी भी पहुंच गए थे, इसलिए जगह-जगह पुलिस और RAF के जवान तैनात रहे.
कौन है भोले बाबा?
मूल रूप से कांशीराम नगर (कासगंज) में पटियाली गांव के रहने वाले भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है. वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे और 18 साल नौकरी के बाद VRS ले लिया था. घर लौटने के बाद वह अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहने लगे और कुछ दिन बाद ईश्वर से साक्षातकार का दावा करते हुए खुद को स्वयंभू संत घोषित कर दिया. विश्व हरि साकार उर्फ भोले बाबा को अनुयायियों की लंबी कतार है. इनका विवादों से भी पुराना नाता है. इटावा में पोस्टिंग के दौरान इनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगा था. बताया जाता है कि इस घटना के बाद इन्हें पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. इसी मामले में इन्हें जेल भी जाना पड़ा था.