नई दिल्ली: आप यदि मोबाइल फोन (Mobile Phone) यूज करते हैं, खास कर एयरटेल (Airtel) का। तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। आने वाले दिनों में मोबाइल टैरिफ (Mobile Tariff) महंगा हो सकता है। टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल इस साल के मध्य में टैरिफ बढ़ाने का एलान कर सकती है। इस तरह का संकेत एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने दी है।
अमेरिका से मिला है संकेत
इन दिनों अमेरिका के बार्सिलोना में मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (Mobile World Congress) चल रहा है। यह मोबाइल फोन और इससे जुड़ी चीजों का दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है। इसी में भारतीय टेलीकॉम कंपनियां भी पहुंची हुई हैं। एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल भी वहां हैं। वहीं पिछले दिनों पत्रकारों से बातचीत में मित्तल ने बताया कि एयरटेल इस साल सभी प्लान की रेट्स बढ़ाने पर विचार कर रही है। कंपनी ने पिछले महीने ही अपने मिनिमम रिचार्ज या 28 दिन की मोबाइल फोन सेवा स्कीम के शुरुआती स्तर के प्लान की कीमत 99 रुपये से करीब 57% बढ़ाई थी। अब यह 155 रुपये हो गई है।
कंपनी की बदहाली नहीं देख सकते
सुनील भारती मित्तल ने वर्ल्ड मोबाइल कांग्रेस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) की जो हालत है ऐसे में देश में एक और वोडाफोन आइडिया को झेलने का जोखिम नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार और रेगुलेटर इस हालात से पूरी तरह वाकिफ हैं। ऐसे में हमें ऐसी मजबूत टेलीकॉम कंपनियों की जरूरत है जो नए टेक्नोलॉजी में निवेश कर सकें, ग्रामीण इलाकों में शानदार कवरेज दे सकें।
कब तक बढ़ेंगी टैरिफ
मित्तल ने बताया कि इस वर्ष के मध्य में मोबाइल टैरिफ बढ़ाई जा सकती है। यह बढ़ोतरी किसी एक सर्किल में नहीं बल्कि सभी जगह पर होगी। कमजोर तबकों पर कीमत बढ़ोतरी के असर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मित्तल ने कहा कि दूसरी चीजों के दाम में हुई बढ़ोतरी के मुकाबले मोबाइल रेट में इजाफा कम ही हुआ है। शायद उनका यह कहना था कि जब कमजोर तबके के लोग 35 रुपये किलो आटा खरीद कर खा सकते हैं तो फिर बढ़े टैरिफ को भी वहन कर सकते हैं।
एआरपी बढ़ाने की जरूरत
इसी साल फरवरी के शुरू में भारती एयरटेल के मुख्य कार्याधिकारी गोपाल विट्ठल ने कहा था कि पूंजी पर अच्छे रिटर्न के लिए प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (ARPU) बढ़ाकर 300 रुपये के स्तर पर पहुंचाए जाने की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि यह नियत समय में होगा। उल्लेखनीय है कि भारतीय टेलीकॉम कंपनियों ने साल 2019 और 2021 में सभी स्लैब में दरें बढ़ाई थीं।