लंदन: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भारतीय लोकतंत्र पर एक और भाषण दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी भारत की बनावट को बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने अपने फोन में इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस होने का भी दावा किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के कई दूसरे नेताओं के फोन में भी इस सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया गया था। उन्होंने भारत में अल्पसंख्यकों के हालात पर भी चिंता जताई। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं पर सरकार का कब्जा है। उन्होंने मीडिया और कोर्ट पर भी सरकारी कब्जे का दावा किया।
गैस सिलिंडर देना और बैंक खाते खुलवाना अच्छा कदम
राहुल गांधी ने कहा कि शायद महिलाओं को गैस सिलिंडर देना और लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाना अच्छा कदम है। इसे गलत नहीं कहा जा सकता है, लेकिन मेरे विचार में मोदी भारत की बनावट को बर्बाद कर रहे हैं। वो भारत पर एक ऐसा विचार थोप रहे हैं जिसे भारत स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सभी संस्थानों पर कब्जा जमा लिया है। उन्होंने कोर्ट और मीडिया को भी सरकारी कब्जे में होने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कई अखबारों की कटिंग को भी शेयर किया। राहुल गांधी ने कश्मीर में सुरक्षा के हालात पर भी चिंता जताई।
राहुल बोले- खुफिया अधिकारियों ने दी थी जानकारी
राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज बिजनेस स्कूल के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि खुफिया अधिकारियों ने उनसे बताया था कि आपका फोन रिकॉर्ड किया जा रहा है। कई विपक्षी नेताओं के फोन में पेगासस लगा हुआ है। विपक्षी नेताओं के फोन टैप किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर आपराधिक केस दर्ज करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कई ऐसे मामलों में केस दर्ज हुए, जो बनता ही नहीं था। जिसका कोई मतलब भी नहीं था। लेकिन, हम अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने विपक्षी नेताओं को झूठे केस में फंसाने का भी आरोप लगाया।
लोकतंत्र को लेकर भी बरसे राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज में अपने भाषण में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के लिए नई सोच का आह्वान किया। राहुल ने अपने व्याख्यान में दुनिया में लोकतांत्रिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए एक ऐसी नई सोच का आह्वान किया, जिसे थोपा नहीं जाए। उन्होंने कहा कि हम ऐसी दुनिया की कल्पना नहीं कर सकते, जहां लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं नहीं हों। हमें नई सोच की जरूरत है कि आप बलपूर्वक माहौल बनाने के बजाय किस तरह लोकतांत्रिक माहौल बनाते है।