बात कुछ दिन पहले की है। वॉशिंगटन के यूनियन स्टेशन (शहर का प्रमुख परिवहन केंद्र) से कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) तक कुछ परिवारों ने पैदल मार्च किया। वे सभी खामोश थे। इनमें किम्बर्ले मेटा रुबियो भी शामिल थीं। उन्होंने अपनी 10 साल की बेटी लेक्सी को उवाल्दे के स्कूल में गोलीबारी की घटना में हमेशा के लिए खो दिया था।
सिरफिरे ने स्कूल में की थी गोलीबारी
बीती 24 मई को टेक्सास के रॉब एलिमेंट्री स्कूल में एक सिरफिरे ने गोलीबारी कर 22 लोगों की हत्या कर दी थी। इनमें बड़ी संख्या में नौनिहाल थे। इस घटना से पहले रुबियो कभी प्लेन में नहीं बैठी थीं। पर अब सरकार पर दबाव बनाने के लिए सात बार वॉशिंगटन जा चुकी हैं।
गन कंट्रोल के लिए सख्त कानून बनाने के लिए सांसदों और सरकार पर दबाव डालना उनका एकमात्र मिशन है। रुबियो ने कभी सोचा नहीं था कि वे इस तरह किसी लड़ाई का नेतृत्व करेंगी। पर अब वे इस मिशन को ही अपना भविष्य मानती हैं। इस जंग को लड़ने के साथ वे अपने असीम दुख-दर्द को भी कम कर रही हैं।
कानून सख्त होता तो लेक्सी की जान बच जाती
रुबियो कहती हैं, परिवार को उसकी कमी हमेशा खलेगी, यह पहला क्रिसमस है, जो बिना लेक्सी के देखना पड़ रहा है। कैपिटल हिल के बाहर बेंच पर बैठकर वो सोचती हैं क्या वो वही हैं, जो लेक्सी के जाने से पहले थीं? उवाल्दे की घटना के बाद अमेरिका में गोलीबारी की 400 घटनाएं हुई हैं। रुबियो कहती हैं, मेरा दुख किसी अन्य माता-पिता का भी हो सकता है। सिर्फ सहानुभूति के चंद शब्द इस पीड़ा को कम नहीं कर सकते।
जब आप मेरे दर्द की कल्पना कर पाएंगे, तब ही मेरे साथ इस लड़ाई में शामिल हो पाएंगे। गन कंट्रोल को लेकर की गई सरकारी खानापूर्ति से रुबियो संतुष्ट नहीं हैं। वे कहती हैं,‘अगर कानून सख्त होता तो उवाल्दे का शूटर हथियार इस्तेमाल नहीं कर पाता।’
फायरिंग में कई लोग अपने बच्चे खो चुके
गोलीबारी की घटनाओं में अपने बच्चों को खो चुके अन्य पेरेंट्स की तरह रुबियो भी यह महसूस कर रही है कि अपने बच्चे को खोने का दर्द खत्म नहीं होता, साथ ही यह भी कि सत्ता में बैठे लोग गन से जुड़े कानूनों को बदलने के लिए हमेशा अनिच्छुक ही रहते हैं।
बस, इसलिए रुबियो को मोर्चा संभालना पड़ा। वो अब अमेरिका में एक सार्वजनिक शख्सियत बन गई हैं, कांग्रेस के सामने गवाही दे रही हैं, सांसदों के साथ इस मुद्दे पर सीधे बात कर रही हैं, रैलियों में भाग ले रही हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर अपने 19 हजार फॉलोअर्स के साथ देशव्यापी बदलाव की कोशिशों को नतीजों में बदलने के लिए दिल की बात साझा कर रही हैं। अपने हालिया वॉशिंगटन दौरे में उन्होंने सीनेट से एक बिल पारित करने का आग्रह किया।
सीनेट बिल पर वोट कराने का इच्छुक नहीं
बिल में उवाल्दे जैसी घटनाओं में इस्तेमाल किए गए हथियार पर प्रतिबंध लगाने की बात है। इस कानून को भी अमल में लाने का कोई मजबूत इरादा नहीं दिखता। क्योंकि सीनेट इस पर वोट कराने का इच्छुक नहीं दिखता। रुबियो बताती हैं, ‘हम तो लेक्सी और पूरे परिवार को लेकर वॉशिंगटन या किसी अन्य जगह पर शिफ्ट होने की योजना बना रहे थे, क्योंकि लेक्सी को ठंडे इलाके पसंद थे।
इसलिए रुबियो ने बैचलर डिग्री भी ली ताकि टेक्सास से बाहर उन्हें नौकरी के मौके मिल सके। पर नियति को कुछ और ही मंजूर था। अब जब रुबियो को डिग्री मिली तो परिवार उवाल्दे छोड़कर नहीं जाना चाहता। रुबियो के मुताबिक, ‘हम कहीं नहीं जाएंगे, यहीं रहेंगे। हमारी लेक्सी यहीं हैं।
लेक्सी के अंतिम संस्कार से पहले रुबियो ने हाउस ओवरसाइट कमेटी से कहा था कि मेरी बेटी की आवाज शक्तिशाली थी, इरादे मजबूत थे। तो आज हम लेक्सी के लिए खड़े हैं और उसकी आवाज के प्रतीक के रूप में हम सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।’
रुबियो का विरोध कर रहे चुनिंदा प्रतिनिधि
रुबियो जो सुधार चाहती हैं, उसका विरोध उनके द्वारा चुने प्रतिनिधि की ओर से ही किया जा रहा है। रुबियो और उनके पति फेलिक्स हाल में टेक्सास के रिपब्लिकन पार्टी के सांसद सेन जॉन कॉर्निन के कर्मचारी से इस मामले में मिले। उस कर्मचारी के मुताबिक जनवरी से पहले हमले के हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाले बिल को लाने के लिए सीनेट नेतृत्व को राजी करने के लिए कॉर्निन की ओर से कुछ भी नहीं किया जाएगा।
रुबियो वॉशिंगटन से उवाल्दे लौट आई ताकि यह आगे की रणनीति बनाई जा सके। इस बीच लेक्सी के बिना अपने पहले क्रिसमस का दर्द तो वे सहन कर ही रही हैं। रुबियो और उनका परिवार हर दिन लेक्सी की कब्र पर जाता है। वे कहती हैं,‘हम इन दिनों पहले वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि जल्दी अंधेरा हो जाता है और उसे अंधेरे में छोड़ना मुश्किल है।’