मध्यप्रदेश के 17 जिलों से करीब 5 हजार बुजुर्ग गुरुवार को तीर्थ यात्रा पर रवाना होंगे। वे कामाख्या, रामेश्वरम, अयोध्या, तिरुपति और पुरी जाएंगे। 6 दिन की धार्मिक यात्रा में इंदौर-जबलपुर और उज्जैन के यात्री भी शामिल होंगे। यात्रा 11 अक्टूबर को वापस लौटेंगी।
ये रहेगी व्यवस्था
यात्रा के दौरान यात्रियों को भोजन, नाश्ता, चाय और पानी की व्यवस्था आईआरसीटीसी करेगा। यात्रियों के रुकने की व्यवस्था, उन्हें तीर्थ स्थल तक बसों से लाने ले जाने भी आईआरसीटीसी के जिम्मे होगी। यात्रियों को तुलसी माला और स्मृति चिह्न भी दिए जाएंगे। यात्रा के दौरान भजन संध्या भी होंगी। डॉक्टर, सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी यात्रा के साथ में रहेंगे।
यह सामान साथ रखें यात्री
मौसम के अनुसार कपड़े, कंबल, चादर, तौलिया, सातुन, कंघा, सेविंग किट। ओरिजनल आधार कार्ड, वोटर आईडी और कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की कॉपी जरूर रखें।
इन जिलों के यात्री रहेंगे
इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, मुरैना, दतिया, बैतूल, विदिशा, सीहोर, धार, उज्जैन, बालाघाट, मंडला और डिंडोरी।
इतने यात्री होंगे शामिल
- कामाख्या देवी तीर्थ के लिए शिवपुरी, गुना और अशोकनगर से 275-275, श्योपुर से 150 यात्री जाएंगे।
- रामेश्वरम यात्रा पर मुरैना से 300, ग्वालियर से 350 और दतिया से 325 यात्री जाएंगे।
- अयोध्या-वाराणासी की यात्रा पर बैतूल से 300, विदिशा से 325 और सीहोर जिले के बुधनी से 350 यात्री जाएंगे।
- तिरुपति तीर्थ यात्रा के लिए इंदौर से 425, धार से 250 और उज्जैन से 300 यात्री रवाना होंगे।
- पुरी की यात्रा पर मंडला, बालाघाट-जबलपुर के 250-250 यात्री जाएंगे। वहीं, डिंडोरी के 225 यात्री शामिल होंगे।