मध्यप्रदेश में सर्दी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। 6 नवंबर के बाद ठंड और भी बढ़ने लगेगी। दरअसल 31 अक्टूबर यानी आज से पाकिस्तान से हिमालय के रास्ते मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं आना शुरू हो गई है। हालांकि अगले 2-3 दिन हल्के बादल छाए रहेंगे और हल्की गर्मी बढ़ेगी। लेकिन हफ्तेभर बाद कंपकंपी बढ़ती जाएगी।
सबसे पहले जानिए मौसम वैज्ञानिकों ने क्या कहा…
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि 6 नवंबर के बाद मौसम बदलने लगेगा और अच्छी ठंड की शुरुआत हो जाएगी। पहले सप्ताह रात का तापमान 14 डिग्री के भी नीचे आ सकता हैं, जबकि दिन में पारा 30 डिग्री सेल्सियस के नीचे जा सकता हैं। इस बार देशभर में करीब 4 महीने कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान मौसम विभाग ने जताया है। अभी हल्की सी धुंध सुबह और रात के समय रहने लगी है। 6 नवंबर के बाद इसमें बढ़ोतरी होती चली जाएगी।
ये दो सिस्टम बढ़ाएंगे कंपकंपी
मानसून की विदाई के बाद अब हिमालय से सिस्टम यानी हवाएं आना शुरू होने लगी हैं। हिमालय में बर्फबारी होने से यह सिस्टम स्ट्रांग होने लगेंगे। इससे मैदानी क्षेत्रों में ठंड बढ़ जाएगी। मौसम विभाग के अनुसार सिस्टम के आने पर तापमान हल्के बढ़ जाते हैं। इनके गुजरते ही मौसम में ठंड बढ़ जाएगी।
पहला – सर्दी के मौसम का पहला पश्चिमी विक्षोभ 31 अक्टूबर को कश्मीर में दस्तक देगा। इससे 1 नवंबर को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
दूसरा – दूसरा पश्चिमी विक्षोभ 3 नवंबर को दस्तक देगा। यह पहले विक्षोभ की तुलना में ज्यादा मजबूत होगा। इसकी वजह से 5 नवंबर तक कश्मीर से हिमाचल और उत्तराखंड तक भारी बर्फबारी हो सकती है।
यह है अनुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 4 महीने पहाड़ी राज्यों से मध्य भारत तक के राज्यों में कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है। इस समय उत्तर, पश्चिम से लेकर मध्य भारत तक शुष्क पश्चिमोत्तर हवाएं चल रही हैं। उत्तर के पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद ये हवाएं बर्फीले इलाकों से गुजरती हुई मध्य भारत तक ठंडक लेकर पहुंचेंगी। 6-7 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान ही नहीं, बल्कि गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेलंगाना तक तापमान तेजी से गिरेगा।
भोपाल में 14 साल बाद अक्टूबर सबसे ठंडा
भोपाल में 14 साल बाद अक्टूबर सबसे ठंडा रहा। इस महीने में रात का औसत तापमान 18.8 डिग्री रहा। इससे पहले वर्ष 2007 में यह 18.4 डिग्री रहा था। पिछले 3 दिन से रात का तापमान सामान्य से 1 डिग्री कम बना हुआ है। रविवार को रात का तापमान 15.5 डिग्री दर्ज किया गया। बीते 24 घंटे में इसमें 0.1 डिग्री की गिरावट हुई। सामान्य से कम तापमान रहने का सिलसिला अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े से ही शुरू हो गया था। दीपावली की रात भी 11 साल में अक्टूबर में पड़ी दीपावली को सबसे सर्द रात रही थी।
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया कि इस बार उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस के पहुंचने का सिलसिला सितंबर अंत से ही शुरू हो गया था। पहाड़ों पर बर्फबारी भी शुरू हो गई थी। वहां से सर्द हवा आने का ट्रेंड इस बार जल्दी शुरू हो गया था। नमी भी तेजी से कम हुई। इस वजह से अक्टूबर में रात का तापमान ज्यादा नहीं बढ़ सका।
दिन का पारा 2.6 डिग्री लुढ़का
रविवार को दिन का तापमान 30.2 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 1.3 डिग्री कम रहा। शनिवार के मुकाबले इसमें 2.6 डिग्री की गिरावट हुई। दिन में 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के कारण तापमान में कमी आई। संकेतों के मुताबिक नवंबर में भी ठंड का यही ट्रेंड बना रहेगा। नवंबर में भी रात के सबसे कम तापमान का नया रिकॉर्ड बन सकता है।
अभी राजधानी भोपाल में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री से ऊपर और दिन का पारा 32 डिग्री के नीचे आ गए हैं। दो से तीन दिन तक इनमें मामूली बढ़ोतरी होगी। उसके बाद यह तेजी से नीचे गिरना शुरू हो जाएंगे। मौसम शुष्क और आसमान साफ होने के कारण अभी दिन का तापमान ज्यादा है। साइक्लोन बनने की वजह से उत्तर से हवाएं नहीं आ पा रही थीं। 6 नवंबर के बाद ठंड बढ़ना शुरू होगी।
हवाएं नहीं आने के कारण ऐसी स्थिति बनी
इस समय तक हिमालय में बर्फबारी होने और हवाएं नीचे मैदान की तरफ आने से हल्की गुलाबी ठंड होने लगती थी। अक्टूबर के दूसरे हफ्ते के बाद पहाड़ों पर बर्फबारी के कारण थोड़ी ठंड बढ़ गई थी, लेकिन ये एक्टिविटी थमने से अक्टूबर में ठंड ज्यादा जोर नहीं पकड़ सकी। नवंबर में ठंड धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाएगी।