मुंबई: भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) टेलिकॉम के बाद अब मीडिया और एंटरटेनमेंट की दुनिया में तहलका मचाने की तैयारी में हैं। उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एंटरटेनमेंट सेक्टर की दिग्गज कंपनी वॉल्ट डिज्नी के साथ एक नॉन-बाइंडिंग डील की है। सूत्रों के मुताबिक दोनों कंपनियों के बीच पिछले हफ्ते लंदन में यह डील हुई। दोनों कंपनियों की प्लान देश की सबसे बड़ी मीडिया और एंटरटेनमेंट बिजनस बनाना है। यह मर्जर स्टॉक और कैश में होगा और इसमें रिलायंस की 51 फीसदी और डिज्नी की 49 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इस डील के फरवरी तक पूरा होने की उम्मीद है। हालांकि रिलायंस इसे जनवरी के अंत तक पूरा करना चाहती है।
सूत्रों के मुताबिक लंदन में हुई बैठक में केविन मेयर और मुकेश अंबानी की करीबी मनोज मोदी मौजूद थे। मेयर डिज्नी में काम कर चुके हैं और जुलाई में कंपनी के सीईओ बॉब इग्नर उन्हें एडवाइजर के रूप में वापस लाए थे। जानकारों के मुताबिक डील पर साइन होने के बाद बाकी प्रोसेस पर काम शुरू होगा। इसमें वैल्यूएशन भी शामिल है। ईटी ने सबसे पहले इस प्रस्तावित डील के बारे में 12 दिसंबर को खबर दी थी। मर्जर डील में स्टार इंडिया और वायकॉम18 का सारा ऑपरेशन शामिल है।
क्या-क्या है डील में शामिल
स्टार इंडिया के भारत में 77 चैनल और वायकॉम18 के 38 चैनल हैं। कुल मिलाकर दोनों के 115 चैनल हैं। साथ ही इसमें दो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार और जियो सिनेमा शामिल हैं। फाइनेंशियल ईयर 2023 में डिज्नी स्टार का नेट प्रॉफिट 1,272 करोड़ रुपये रहा जबकि डिज्नी प्लस हॉटस्टार को 748 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। वायकॉम 18 का नेट प्रॉफिट 11 करोड़ रुपये रहा। इस डील में 45 से 60 दिन के एक्सक्लूसिविटी पीरियड हो सकता है जिसे आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है। इस डील के लिए दोनों कंपनियों के बीच कई महीनों से बातचीत चल रही है।
डिज्नी इंडिया के प्रवक्ता ने इस बारे में टिप्प्णी करने से इन्कार कर दिया। रिलायंस ने भी सवालों का जवाब नहीं दिया। जानकारों की मानें तो रिलायंस की सहयोगी कंपनी वायकॉम18 की स्टेप डाउन सब्सिडियरी बनाने की योजना है। इसें स्टॉक स्वैप के जरिए स्टार इंडिया का मर्जर किया जाएगा। मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी में रिलायंस की 51 परसेंट और डिज्नी की 49 परसेंट हिस्सेदारी होगी। इस बीच जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और सोनी ग्रुप की लोकल कंपनी के बीच 10 अरब डॉलर की मर्जर डील अधर में लटकी है। इसकी घोषणा दो साल पहले हो गई थी।