नई दिल्ली। पीएचडी कक्षा में शामिल होने के आधार पर हत्या के आरोपित को अंतरिम जमानत देने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने टिप्पणी की कि निसंदेह प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, लेकिन वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता हत्या जैसे संगीन अपराध का आरोपित है और अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसके मामले पर उसी तरह से विचार किया जाना चाहिए।
जमानत याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि अदालत यह समझने में विफल है कि याचिकाकर्ता ने ऐसे विश्वविद्यालय से पीएचडी करने का विकल्प क्यों चुना, जिसके लिए न्यायिक हिरासत में होने के बावजूद अनिवार्य रूप से पूर्णकालिक पीएचडी पाठ्यक्रम में भाग लेना आवश्यक है।
जबकि, न्यायिक हिरासत में रहने वाले व्यक्तियों के लिए शिक्षा प्राप्त करने के लिए कई अन्य विकल्प उपलब्ध हैं। याचिकाकर्ता ने गुजरात विश्वविद्यालय में पीएचडी के लिए नियमित कक्षाओं में भाग लेने के आधार पर तीन महीने के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने की मांग की थी।