चित्रकूट ब्यूरो संजय मिश्रा
चित्रकूट। जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव, जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी एन, जिला संयुक्त चिकित्सालय की चिकित्साधिकारी डॉ तनुसा टी आर, उप जिलाधिकारी मऊ सौरव यादव, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन, कोषाध्यक्ष बसंत पंडित जी द्वारा पंडित दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट द्वारा वीरांगना दुर्गावती की 500 जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय बाल शिविर का आयोजन विकास विकासखंड रामनगर के ग्राम पंचायत धुरेहटा में समापन हुआ । इस अवसर विभिन्न 6 विद्यालयों की उपस्थिति 96 छात्र छात्राओं द्वारा सीने का पुल एवं कमलासन, योगासन, सूर्य नमस्कार, नृत्य, पीटी, डम्बन आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया । इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा अच्छी भूमिका निभाने वाले शिक्षकों रामनामी दुपट्टा व छात्र-छात्राओं को टिफिन व पुस्तक देकर सम्मानित भी किया गया
जिलाधिकारी ने छात्र-छात्राओं से कहा कि शिविर आप लोगों के लिए आयोजित किया गया था जो आप लोग सीखेंगे उसे भूलिए नहीं यह शारीरिक व मानसिक को बढ़ावा देता है शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है उसका आप लोग लाभ लेकर आगे बढ़े । उन्होंने खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया की कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत जो प्रदेश सरकार द्वारा योजना चलाई जा रही है उससे लाभान्वित करें । उन्होंने कहा कि आप लोग अपने माता-पिता के अनुशासन का पालन करें आप लोग जो सीखा है उसका भी अनुपालन करें। उन्होंने दीनदयाल शोध संस्थान की पूरी टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हुए कहा कि इस कार्य के लिए यह कदम बहुत ही महत्वपूर्ण है।
जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव ने कहा कि नानाजी ने कहा कि अपने लिए नहीं अपनों के लिए जिए उनके मार्गदर्शन में चले कहां की तीन दिवसीय सीविर चल रहा है आप लोग पहले ऐसा कार्यक्रम नहीं सीखे थे आप लोग को दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा सिखाया जा रहा है उसका अनुसरण करें । उन्होंने कहा कि संगठन सचिव ने देश के लिए पूरा जीवन अर्पण की कर दिया है आप लोग सुबह उठकर व्यायाम करें जिससे कि शरीर स्वस्थ रहे आप लोग छोटी-छोटी बातें सीखें एवं पढ़ लिखकर आगे बढ़े । उन्होंने कहा कि मोबाइल चलाना अपराध है यह आप लोगों का दुश्मन है इससे दूर रहें। दीनदयाल शोध संस्थान संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि भारत का भविष्य आप लोगों में है कहा कि नाना जी की कल्पना थी कि जो देश की भविष्य हैं उसका सर्वांगीण विकास होना चाहिए केवल किताबी ज्ञान नहीं होनी चाहिए कहा कि कुछ सीखने के लिए कुछ खोना पड़ता है । कहा कि आप लोग जो तीन दिन में सीखा है और बच्चों को बताएं। कहां की जो कला है प्रैक्टिस से और बढ़ेगा ज्ञान कभी खत्म नहीं होता पैसा खत्म हो जाता है ज्ञान जीवन पर्यंत चलता है । उन्होंने कहा कि नाना जी कहते थे कि व्यक्ति को स्वालंबी बनना चाहिए किसी से पैसा न मांग कर ज्ञान मांगनी चाहिए जो जीवन पर्यंत चलता रहेगा। चिकित्सा अधिकारी की डा तनुसा टी आर ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को कहा कि दीपावली में जो पटाखे फोड़ते हैं उस समय कोई दुर्घटना होती है तो क्या करना चाहिए बच्चों को विस्तार से बताएं तथा मिर्गी अस्थमा आदि के बारे में छात्र-छात्राओं को बताएं एवं छात्र-छात्राओं से बताई गई बातों को पूछ कर प्रोत्साहन के रूप में चॉकलेट भी बाटती रही। इस अवसर पर समाज शिल्पी प्रभारी श्रीमती सीमा पांडे, सिविर संयोजक जितेंद्र सिंह, अशोक पांडे, केवीके से डॉ राजेंद्र सिंह सहित दीनदयाल शोध संस्थान की टीम उपस्थित थी।