विवि के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष, एआइसीटीई चेयरमैन प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि छात्राओं को 99 पदक प्राप्त हुए हैं। एक नबंर से वह शतक से चूक गईं हैं, अगले दीक्षांत समारोह में छात्राएं पदकों का शतक लगाएंगी, यह उम्मीद है। पहले उच्च शिक्षा में बेटियां नहीं होती थीं। इंजीनियरिंग में सिर्फ एक दो ही बेटियों को मौका मिलता था लेकिन अब यह संख्या 40 से 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है, यह समाज की तरक्की का आइना है और बताता है कि विकास की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले हम चंदा मामा की कहानी सुनते थे, अब हम चांद पर जाकर पानी की खोज कर रहे हैं। न्यूक्लियर एनर्जी में आगे जा रहे हैं और सोलर मिशन भी आगे बढ रहा है। 2070 तक हम नेट कार्बन जीरो हो जाएंगे। मैं पार्क में घूमते हुए देखा कि बच्चे कैंपस में कबाड से कमाल कर रहे हैं, यह वेस्ट टू वेल्थ का प्रमाण हैं । विज्ञान की गंगोत्री भारत से निकली थी. जिसमें फिजिक्स, कैमिस्ट्री, हिस्ट्री और तमाम ऐसे सबूत है। आज युवाओं को जोश रखना चाहिए. उन्होंने युवाओं से हाउ इज द जोश का नारा लगवाया. आज एआई का जमाना है. शिक्षिकों का बहुत बडा योगदान है. उनका स्थान नहीं कोई ले पाएगा.
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि शिवाजी महाराज का अध्याय हर सनातनी को ऊर्जा प्रदान करता है । औरंगजेब की कैद से शिवाजी महाराज अपनी चतुराई और शौर्य से छूटे और अपने राज्य गए । ऐसा आगरा का गौरवशाली इतिहास है । उन्होंने विद्यार्थियों से कहां कि आज जो उपाधि और मेडल मिले है. मेरी सलाह है कि इन्हें पाकर अब आपको मॉडल बनना होगा, जिससे समाज को एक नई दिशा दें सकें। जीवन के नए पथ पर ऐसा करें, जो देश और समाज के लिए हो. ये हमारे संस्कार भी हैं। उच्च राज्य शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी का कहना था कि नई शिक्षा नीति से नए सोपान बनेंगे. ये शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान देगी।
माननीय कुलाधिपति ने आंगनबाडी के बच्चों को खेल कूद किट और स्वास्थ्य किट भी वितरित की। उन्होंने बच्चों से साफ-सफाई पर ध्यान देने की अपील की। महिलाओं से कहा कि अपनी पुरानी साडियां फेंकें नहीं, उन्हें जमा करें, उनसे तोलिया बनाएं. जिससे बच्चें अपने हाथ साफ कर सकेंगे। माननीय कुलाधिपति ने बताया कि जब मैं पहली बार यहां की सेंट्र्ल लाइब्रेरी आयी, वहां गंदगी का अंबार था। लेकिन सोमवार रात्रि में जब वहां दोबारा निरीक्षण किया, तो वह पूरी तरह बदल गई है। आपके पास ऐसी समृद्ध लाइब्रेरी है, उसे स्कूली बच्चों को दिखाएं। के.एम.आई. में पांडुलिपि संग्रहालय हैं, जिसमें बहुत काम हुआ है। वहां डिजिटलाइजेशन का काम हो रहा है। विश्वविद्यालय में दो दिन पबाद नैक का निरीक्षण होने जा रहा है। उससे पूर्व आपको अपने काम का सही मूल्यांकन करना होगा, कमियों को सुधारें और बेहतर करने की ओर बढ़ेंगे, तो हमें ए डबल प्लस अवश्य ही प्राप्त होगा। मुझे जो कमियां मिली हैं, मैंने उन्हें सुधारने के निर्देश भी दिए हैं। मेडल पाने वाले विद्यार्थियों से कहा कि आपको यहीं नहीं रुकना है, अभी मेडल के लिए मेहनत की, अब समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करें। स्कूली बच्चों को कहा कि आप भी भविष्य में पढ़-लिखकर ऐसे ही पदक पाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए 100 किट वितरित की।