नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) से सटे औद्योगिक शहर नोएडा का नाम तो जरूर सुना होगा। इसी से सटे हुए एक नया नोएडा बसाने की तैयारी है। यह मूल रूप से औद्योगिक शहर होगा, लेकिन वहां थोड़ा बहुत रिहायशी इलाका भी होगा। इसका नाम दिल्ली नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (DNGIR) दिया है। इसे नोएडा, बुलंदशहर और दादरी के 86 गांवों की करीब 21 हजार हेक्टेयर जमीन में बनाया जाएगा। इसका मास्टर प्लान 2041 बनाया जा रहा है। अब सरकार ने डीएनजीआईआर के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए नोएडा अथॉरिटी को 1000 करोड़ रुपये का बजट दिया है।
पहले चरण के लिए मिला है 1000 करोड़
डीएनजीआईआर के पहले चरण में नोएडा प्राधिकरण ने जमीन अधिग्रहण के 1000 करोड़ रुपए का बजट दिया है। इस बजट से बुनियादी सुविधाओं और इंडस्ट्री के लिए भूखंड का अधिग्रहण किया जाएगा। डीएनजीआईआर का मास्टर प्लान 2041 बनाया जा रहा है। ये मास्टर प्लान एसपीए कंपनी बना रही है। अथॉरिटी की जीएम प्लानिंग के मुताबिक आगामी बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान को अप्रूवल मिल जाएगा। इससे पहले अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पहले फेज में 3000 हैक्टेयर जमीन
पहले फेज में 3000 हेक्टेयर जमीन को विकसित किया जाएगा। इसको विकसित करने में 8500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी , सड़क, प्लाटिंग, पार्क, ग्रीन बेल्ट शामिल है। ये पहले फेज के कुल लैंड का करीब 60 प्रतिशत होगा। यानी 40 प्रतिशत हिस्से में इंडस्ट्री लगेंगी। पहले फेज में करीब 1300 इंडस्ट्री लगेंगी।
203 वर्ग किलोमीटर का है प्रोजेक्ट
डीएनजीआईआर प्रोजेक्ट 21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) क्षेत्र में बसाया जा रहा है। इसके लिए मास्टर प्लान 2041 बनाया जा रहा है। इसका 8,811 हेक्टेयर एरिया औद्योगिक होगा। इसमें यूपीसीडा को 2 हजार 376 हेक्टेयर, इंडस्ट्रियल एरिया 6248 और मिक्स इंडस्ट्रियल एरिया 186 हेक्टेयर का होगा। इस प्रोजेक्ट को रोड, रेलवे और एक्सप्रेसवे जोड़ने का प्लान है, जिससे यहां निवेश बढ़े। इसमें फ्लैटेड इंडस्ट्री की ऊंचाई 15 मीटर तक होगी। लाइट एंड सर्विस इंडस्ट्री की ऊंचाई करीब 12 मीटर और एक्स्टेंसिव इंडस्ट्री की ऊंचाई 9 मीटर होगी।
इस तरह का होगा प्लान
नया नोएडा में अधिकतर जमीन पर उद्योग धंधे लगेंगे। प्रारंभिक स्तर पर जो तय हुआ है, उसके मुताबिक इसकी 41 फीसदी जमीन औद्योगिक कार्य के लिए? 11.5 फीसदी जमीन आवासीय, 17 फीसदी जमीन ग्रीन बेल्ट और रिएक्शनल और करीब 15.5 फीसदी जमीन पर सड़कें बनाई जाएंगी। इस नए शहर में 9 फीसदी जमीन इंस्टीच्यूशनल होगी और 4.5 फीसदी जमीन कामर्शियल।