नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आखिरी टेस्ट मैच ड्रॉ हो गया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह मुकाबला अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया। अहमदाबाद में जिस तरह से दोनों टीमों ने अपना खेल दिखाया उससे साफ था कि मैच ड्रॉ की ओर ही जाएगा लेकिन इस बीच भारतीय क्रिकेट फैंस क्राइस्टचर्च में खेले गए न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच हुए टेस्ट को देखने के लिए मोबाइल और अपने टीवी स्क्रीन से चिपके रहे। दरअसल न्यूजीलैंड के खिलाफ अगर श्रीलंकाई टीम जीत हासिल कर लेती तो टीम इंडिया के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की राह मुश्किल हो जाती।
हालांकि केन विलियमसन ने श्रीलंका के अरमानों पर पानी फेरते हुए WTC के फाइनल में टीम इंडिया के पहुंचने की राह को आसान बना दिया। विलियमसन ने नाबाद 121 रन बनाकर मैच की आखिरी गेंद पर क्रीज पर डाइव लगाते हुए न्यूजीलैंड को दो विकेट से रोमांचक जीत दिलाई। न्यूजीलैंड की इस जीत के साथ ही एक तरफ जहां भारत ने डब्ल्यूटीसी के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली तो दूसरी ओर श्रीलंका की सभी उम्मीदें चकनाचूर हो गई। WTC का फाइनल मुकाबला अब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जून में ओवल में खेला जाएगा।
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कैसा था राहुल द्रविड़ का रिएक्शन?
अहमदाबाद में जारी टेस्ट मैच के बीच टीम इंडिया के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को अच्छे से पता था कि अगर बिना किसी अगर-मगर के टीम को WTC फाइनल में पहुंचना है तो उसे जीत से कम कुछ भी नहीं चाहिए। टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के बाद राहुल द्रविड़ ने कहा कि यह उनकी योजनाओं का हिस्सा नहीं था, लेकिन ऐसा करने के लिए हम मजबूर हुए। उन्होंने कहा, ‘हम जो भी टेस्ट खेलते हैं उसमें परिणाम देने की कोशिश करते हैं। हम WTC के फाइनल में पहुंचने की सभी संभावनाओं को अपने हाथ में रखना चाहते थे और हम जानते थे कि हमें श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच सीरीज पर निर्भर नहीं रहना है। ऐसे में हमें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कम से कम तीन मैच जीतने होंगे।’
उन्होंने कहा, ‘हमने जब पहले दिन विकेट को देखा था पता चल गया था कि यहां टॉस की भूमिका बहुत अहम होने वाली है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने पहले दो दिन जिस तरह से बल्लेबाजी की उसके बाद हम न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच खेले गए मैच के नतीजे पर निर्भर होने के लिए मजबूर हो गए।’
द्रविड़ ने कहा, ‘हम न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच खेले जा रहे मैच को काफी उत्सुकता से देख रहे थे। हमें उम्मीद थी कि श्रीलंका नहीं जीत पाएगा। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल दो साल के लंबे इंतजार के बाद खेला जाता है। सभी टीमें 6 टेस्ट सीरीज खेलती है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि आप दूसरों पर निर्भर रहेंगे। हालांकि आपको अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है लेकिन इस तरह की प्रतियोगिताओं में आप दूसरों पर भी निर्भर होते हैं।’
राहुल द्रविड़ ने मजाकिया अंदाज में न्यूजीलैंड के प्रदर्शन पर कहा कि कीवी टीम ने कई बार हमें आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट से बाहर किया और इस बार उन्होंने हमें सपोर्ट कर दिया है। इसके लिए हम उनका शुक्रगुजार हैं।
कैसा था ड्रेसिंग रूम का माहौल?
इसके अलावा द्रविड़ ने न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच हुए मुकाबले के दौरान ड्रेसिंग रूम के माहौल कैसा था उसके बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, ‘ड्रेसिंग रूम में बैठे सभी बस यही चाह रहे थे कि कैसे भी न्यूजीलैंड की टीम श्रीलंका को हरा दे। मैच के दौरान माहौल गंभीर हो रखा था।’
उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी मैच में हम ड्रॉ की तरफ बढ़ रह थे लेकिन बात न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच जारी टेस्ट की हो रही थी। ड्रेसिंग रूप में क्राइस्टचर्च टेस्ट के नतीजों को लेकर सभी तनाव में थे लेकिन जैसे ही न्यूजीलैंड की जीत हुई उसके बाद सबने राहत की सांस ली।’