एसएनसीयू में चिकित्सक ने किया था मृत घोषित
प्रसूता के परिजनों पर ही नवजात का शव फेंक देने का आरोप
प्रकरण को लेकर सीएमएस ने डीएम को भेजी आख्या
ललितपुर। महिला अस्पताल के बायोमेडिकल बेस्ट कक्ष के बाहर मंगलवार को मिले नवजात शिशु मृतावस्था में पड़ा मिला था। नवजात शिशु का शव मिलने के बाद पाया गया कि नवजात का सिर गायब था। इस प्रकरण में जिलाधिकारी को आख्या भेजते हुये महिला चिकित्सा अधीक्षका डा.मीनाक्षी सिंह ने बताया कि नवजात के शरीर पर लगी आई.डी. वैण्ड पर बेबी ऑफ व इनडोर नाम अंकित था, जिसकी गहन जांच-पड़ताल से जानकारी जुटाई गयी। इस जांच को लेकर सीएमएस ने बताया कि प्रसव कक्ष में भर्ती प्रसूता मड़ावरा के ग्राम बहादुरपुर निवासी संगीता पत्नी अखिलेश का प्रसव 9 फरवरी की शाम करीब 6.45 बजे हुआ था। प्रसव उपरान्त विकृत शिशु का जन्म हुआ था, जिसमें नवजात का मस्तिष्क और खोपड़ी का विकास नहीं हुआ था। विकृत शिशु को तत्काल 6.50 बजे विशेषज्ञों के उपचार के लिए एसएनसीयू में चिकित्क ने मृत घोषित कर दिया। मृत नवजात शिशु को उसके तीमारदार व रिश्तेदारों को अंतिम संस्कार के लिए सुपुर्द कर दिया। सीएमएस ने प्रथम दृष्टया बताया कि उक्त प्रसूता के परिजन विधिवत अंतिम संस्कार के लिए अपने साथ न ले जाकर मृत शिशु को घटना स्थल पर फेंककर चले गये थे। चूंकि शव मिला है, इसलिए पुलिस को सूचना भेजकर मृत नवजात को मोर्चरी में रखवा दिया गया है।
डीन ने बनायी चार जांच कमेटी
प्रकरण को संज्ञान लेकर स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य ने चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। इस जांच समिति में अध्यक्ष बालरोग विशेषज्ञ वरिष्ठ परामर्शदाता डा.डी.वी.सिंह के अलावा सदस्य के रूप में सर्जरी विभाग के सहायक आचार्य डा.विशाल जैन, आब्स एण्ड गायनी सहायक आचार्य डा.प्रान्शी असाटी व बालरोग विभाग के सहायक आचार्य डा.आलोक तिवारी शामिल रहे। जांच टीम से 24 घण्टे के अंदर जांच कर आख्या मांगी गयी थी।
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