नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट के लिए ‘वन नेशन वन पॉलिसी’लागू करने का फैसला किया है। पॉलिसी लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है और राज्यों के साथ लगातार बातचीत जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इसमें कई महत्वपूर्ण प्रावधान लाए गए हैं और जीवन जीने के अधिकार को ध्यान में रखते हुए यह पॉलिसी तैयार की गई है। भारत में ऑर्गन डोनेशन को बढ़ावा देने की दिशा में भी यह पॉलिसी काफी महत्वपूर्ण होगी।
एक बड़ी आबादी वाले देश में लोगों को इसके जरिए जागरुक करने की भी कोशिश की जा रही है, साथ ही स्कूलों में भी बच्चों को इस बारे में पढ़ाया जाएगा। हालांकि देश में ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट बढ़ रहा है और 2013 के मुकाबले 2022 में यह नंबर कई गुना तक बढ़ा है। वन नेशन, वन पॉलिसी के जरिए ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांटेशन की प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश की गई है। अभी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पॉलिसी लागू है, जिसे अब राज्यों के साथ चर्चा करके एक पॉलिसी पर सहमति बनाई जा रही है। 2022 में कुल 15561 ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुए हैं, जबकि कुछ साल पहले 2013 में यह संख्या 4990 थी। कोविड के समय ऑर्गन ट्रांसप्लांट की संख्या कम हुई थी, लेकिन 2022 में यह संख्या बढ़ी है। वहीं, मंत्रालय का कहना है कि इसे लेकर समाज में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सभी आयुवर्ग के बच्चों के लिए स्कूल के करिकुलम में एक चैप्टर तैयार किया गया है। बच्चों को जागरूक किया जाएगा ताकि वे अपने पैरंट्स और आसपास रहने वाले लोगों को इस बारे में बताए।
पहले राज्यों की ऑर्गन आवंटन पॉलिसी में जरूरतमंद को ऑर्गन लेने के लिए डोमिसाइल की जरूरत होती थी। वह केवल अपने ही राज्य में ऑर्गन लेने के लिए रजिस्टर कर सकता था। अब केंद्र सरकार ने डोमिसाइल की जरूरत को हटाने का फैसला किया है। अब जरूरतमंद व्यक्ति देश के किसी भी राज्य में जाकर ऑर्गन लेने के लिए रजिस्टर कर सकेगा और ट्रांसप्लांट भी करवा पाएगा।
सेंट्रलाइज्ड वेटिंग लिस्ट बनेगी और इस लिस्ट के बनने के बाद जरूरतमंद को ऑर्गन मिलने में आने वाली परेशानियां काफी कम होंगी। अभी व्यक्ति को अपने ही राज्य में रजिस्ट्रेशन करना पड़ता था और वह अपने ही राज्य में ऑर्गन ले सकता था। लेकिन अब वह किसी भी राज्य में रजिस्ट्रेशन करवा सकता है और ऑर्गन हासिल कर सकता है। इस पॉलिसी के बारे में राज्यों के साथ बातचीत लगातार चल रही है।
नैशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (NOTTO) की गाइडलाइंस के मुताबिक 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के ऑर्गन (मृत व्यक्ति का ऑर्गन ) लेने पर पाबंदी थी, जिसे हटा लिया गया है। भारत सरकार ने इस आयु सीमा को खत्म करने का फैसला किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि यह फैसला जीवन जीने के अधिकार को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अब किसी भी उम्र का व्यक्ति ऑर्गन लेने के लिए खुद को रजिस्टर कर सकेगा।
फीस खत्म कर दिया
कुछ राज्य ऑर्गन रजिस्ट्रेशन के लिए 5 से 10 हजार रुपये तक की फीस लेते थे। इस फीस को अब खत्म कर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को इस फैसले के बारे में बताया है। मंत्रालय का कहना है कि जहां भी रजिस्ट्रेशन फीस ली जा रही है, उसे तुरंत ही बंद करवाया जाएगा।