बिलासपुर जोन के अनूपपुर-कटनी रूट पर 134 किलोमीटर तक तीसरी लाइन कनेक्टिविटी का काम चल रहा है। इस रेल मार्ग पर स्थित लोरहा स्टेशन में 17 से 20 दिसंबर तक नॉन इंटरलॉकिंग वर्क होगा। लेकिन, ऐसा पहली बार हो रहा है जब इंटरलॉकिंग के दौरान एक भी यात्री ट्रेन को कैंसिल नहीं किया जा रहा है और न ही रिशेड्यूल किया गया है। इस काम के दौरान ट्रेन न तो आधे रास्ते में रूकेगी और न डायवर्टेड रूट पर चलेगी।
अनूपपुर- कटनी रेल मार्ग दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की एक महत्वपूर्ण और व्यस्ततम रेल मार्ग है, जो इस पूरे क्षेत्र को उत्तर भारत से जोड़ती है। इस रूट पर ट्रेनों के परिचालन को और भी सुचारू बनाने और नई ट्रेनों की संभावनाओं को देखते हुए यहां नई लाइन का निर्माण आवश्यक है। रेलवे का दावा है कि इससे आधारभूत संरचना में विकास के साथ नई यात्री सुविधाओं में वृद्धि होगी और यात्री ट्रेनें भी प्रभावित नहीं होगी।
इसी दिशा में सक्रियता से काम करते हुए अनूपपुर से कटनी तक तीसरी लाइन का काम चल रहा है। इसके अंतर्गत इस सेक्शन के लोरहा रेलवे स्टेशन को तीसरी लाइन से जोड़ने के लिए नॉन इंटरलॉकिंग का काम होगा। 134 किलोमीटर के इस रेल लाइन में कई स्टेशनों को तीसरी लाइन से जोड़ने का काम हो चुका है।
पहली बार ट्रेन कैंसिल किए होगा इंटरलॉकिंग का काम
इस
कार्य को तेज गति से पूरा करने के लिए मंडल के लोरहा स्टेशन में तीसरी
लाइन कनेक्टिविटी के लिए नॉन-इंटरलॉकिंग का काम 17 से 20 दिसंबर तक चलेगा।
रेलवे के अफसरों ने बताया कि पहली बार आधुनिक और अभिनव तरीके से काम किया
जा रहा है। खास बात यह है कि इस काम के लिए किसी भी यात्री ट्रेन को
कैंसिल, रेगुलेशन, रिशेड्यूलिंग , शॉर्ट टर्मिनेटिंग, डाइवर्जिंग नहीं किया
जा रहा है।
तीसरी लाइन बनते ही बढ़ेगी ट्रेनों की गति
अनूपपुर-कटनी
तीसरी लाइन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की एक बहुत अहम और रणनीतिक लाइन है।
अनूपपुर से अंबिकापुर और पूरे क्षेत्र की मध्य भारत और दिल्ली, भोपाल,
जबलपुर, कोटा, इलाहाबाद जैसे महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ाव इसी लाइन के द्वारा
होता है। तीसरी लाइन का कार्य पूरा होते ही ट्रेनों के परिचालन में
गतिशीलता आएगी।