नई दिल्ली: राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता और उन्हें मिली सजा पर छिड़ी सियासत जहां आने वाले दिनों में जोर पकड़ेगी, वहीं कोर्ट में अभी कई ऐसे मामले हैं जो सियासी पारा आने वाले दिनों में बढ़ा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में हाल के दिनों में दिल्ली और महाराष्ट्र की सियासत से जुड़े दो बड़े मामलों की सुनवाई पूरी हुई है और सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच आने वाले दिनों में इन दोनों बड़े मामलों में फैसला सुना सकती है।
अदालत के फैसले देश की सियासत को देंगे नई दिशा
इन दोनों कानूनी मामलों का असर केवल दो राज्यों तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि संबंधित राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ पूरे विपक्ष की रणनीति पर भी इसका बड़ा असर होने वाला है। वहीं इसके बीच शुक्रवार को देश की राजनीति में उस समय हड़कंप सा मच गया, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त होने का नोटिफिकेशन जारी हो गया। अब देश की सियासत को नई दिशा देने वाले मामलों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता का मुद्दा भी सबसे अहम हो गया है। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने से जुड़ा मुद्दा भी अब कानूनी लड़ाई के रूप में तब्दील होगा और पूरे देश की नजर इस पर रहेगी। 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले ये कानूनी मुद्दे राज्यों के साथ-साथ देश की सियासत को भी नई दिशा देंगे और जानकारों का कहना है कि निश्चित रूप से इसका असर चुनावों पर भी पड़ेगा।
दिल्ली में इस समय आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल खुले तौर पर बीजेपी और प्रधानमंत्री के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। आप के दो बड़े नेता सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया जेल में हैं। आप संयोजक ने प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोला है और विपक्षी पार्टियों को भी यह जताया है कि आम आदमी पार्टी अब बीजेपी के खिलाफ खुलकर लड़ाई लड़ रही है, लेकिन कोर्ट का फैसला आम आदमी पार्टी और बीजेपी की सियासत को दिशा देगी। उसी तरह सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र में शिंदे बनाम उद्धव विवाद पर भी सुनवाई पूरी हो गई है और इस मामले में भी आने वाले दिनों में फैसला आएगा। शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में साल 2022 में विधायकों की बगावत के बाद उस समय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा था और बीजेपी के सहयोग से शिंदे मुख्यमंत्री बने और नई सरकार का गठन हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट के फैसले का असर महाराष्ट्र की राजनीति पर होगा जिसका असर 2024 आम चुनाव पर पड़ना तय है।
उसी तरह राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद अब यह मामला भी कोर्ट में जाना तय है। कांग्रेस इस मामले में आक्रामक रहेगी और संसद से सड़क तक कांग्रेस की आवाज और बुलंद हो सकती है। राहुल गांधी के इस मामले पर जहां एक ओर कोर्ट में तो सुनवाई होगी ही, वहीं कांग्रेस की रणनीति है कि जनता के सामने भी यह मामला जोर- शोर से उठाया जाएगा।