पीएम मोदी और बोहरा समुदाय का रिश्ता समझिए
बोहरा समुदाय अपनी सदियों पुरानी परंपरा के तहत कारोबार, जनकल्याकारी योजनाएं से जुड़े रहते हैं। वो राजनीति और विरोध प्रदर्शनों से दूर रहते हैं। बोहरा समुदाय एंटी CAA प्रदर्शनों से भी दूर रहा था। इसके अलावा यह समुदाय अन्य विवादित मुद्दों से दूर रहता है। बोहरा समुदाय के एक प्रवक्ता ने कहा कि बोहरा समुदाय देशभक्त होते हैं और कानून को मानने वाले लोग होते हैं। हमारा सरकार के साथ अच्छे ताल्लुकात होते हैं और सदभाव तथा बेहतर रिश्ते बनाकर चलते हैं।
बोहरा कम्युनिटी के बारे में जानिए
बोहरा समुदाय के ज्यादातर लोग कोराबार यानी व्यापार और व्यवसाय से जुड़े हैं। इंदौर, उज्जैन और बुरहानपुर में दाऊदी बोहरा समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। पीएम मोदी ने 2018 में दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों को संबोधित किया था। वह ऐसा करने वाले देश के पहले पीएम हैं। बोहरा समुदाय आर्थिक और सामाजिक तौर पर काफी विकसित हैं। इस समुदाय में आध्यात्मिक गुरुओं की परंपरा रही है। जो धर्मगुरु इस समुदाय के सर्वोच्च नेता होते हैं उनको दाई-अल-मुतलक सैय्यदना कहते हैं।
बोहरा समुदाय के पीएम मोदी के करीब आने की कहानी
पीएम मोदी ने इंदौर में अपने भाषण में बोहरा समुदाय की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने बोहरा समुदाय की देशभक्ति, कारोबार में ईमानदारी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि मेरा बोहरा समुदाय से बड़ा ही पुराना नाता है। आप गुजरात में शायद ही ऐसा कोई गांव पाएंगे जहां आपको बोहरा समुदाय के कारोबारी नहीं मिलेंगे। पीएम मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब उन्होंने बोहरा समुदाय के लिए कोराबार संबंधी नियम कायदे में छूट दी थी। उनकी इस पहल के बाद ही बोहरा समुदाय मोदी के करीब आया था।
भारत में कहां से आए बोहरा
बोहरा समुदाय की जड़ें मिस्र और यमन मानी जाती रही है। बोहरा 450 साल पहले गुजरात में आकर बसे थे। बोहरा समुदाय के कई लोग धाराप्रवाह गुजराती बोलते हैं। पीएम मोदी और बोहरा समुदाय के करीब आने के पीछे ये भाषाई जोड़ भी अहम रहा है। पीएम मोदी देश हो या विदेश में बोहरा समुदाय के लोगों से मिलते रहे हैं। 2019 में पीएम मोदी ने ह्यूस्टन में इस समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी।