ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग और कैटरिंग कंपनी आईआरसीटीसी (Indian Railway Catering & Tourism Corporation) ने स्टॉक में तेज गिरावट के बाद स्टॉक एक्सचेंजों पर सफाई जारी की है. आईआरसीटीसी ने कहा, रेलवे बोर्ड ने सर्कुलर जारी एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (Advance Reservation Period) को घटाकर 120 दिनों से 60 दिन करने के फैसले का आईआरसीटीसी के इंटरनेट टिकटिंग बुकिंग से होने वाले रेवेन्यू पर कोई असर नहीं पड़ेगा. भारतीय रेलवे के इस फैसले के चलते आईआरसीटीसी के शेयर में तेज गिरावट दखने को मिली जिसके बाद कंपनी ने ये स्पष्टीकरण जारी किया है.
IRCTC की सफाई
स्टॉक एक्सचेंजों के पास रेगुलेटरी फाइलिंग में आईआरसीटीसी ने सफाई जारी करते हुए कहा, 16 अक्टूबर 2024 को रेलवे बोर्ड के सर्कुलर को लेकर जो मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई है उसके बाद कंपनी ये स्पष्ट करना चाहती है कि रेलवे बोर्ड ने सर्कुलर जारी कर एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (ARP)को 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दिया है. कंपनी ने कहा, हालांकि इस फैसले का प्रति दिन चलने वाले ट्रेनों की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ेगा. आईआरसीटीसी ने कहा, रिजर्व टिकट की संख्या की जो मौजूदा कैपेसिटी है वो वहीं रहेगी जो फिलहाल है.
इंटरनेट टिकटिंग रेवेन्यू पर असर नहीं
आईआरसीटीसी ने कहा, रेलवे बोर्ड के इस फैसले का उसके प्लेटफॉर्म के जरिए ई-टिकट्स पर वसूले जाने वाले सुविधा शुल्क (Convenience Fees) से कंपनी के इंटरनेट टिकटिंग रेवेन्यू (Internet Ticketing revenue) पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
IRCTC का गिरा स्टॉक
भारतीय रेलवे के रेलवे टिकट के रिजर्वेशन के लिए एडवांस रिजर्वेशन पीरियड को 120 दिनों से घटाकर 60 दिन करने के फैसले के चलते गुरुवार को आईआरसीटीसी के स्टॉक में तेज गिरावट देखने को मिली थी. 2.33 फीसदी की गिरावट के साथ स्टॉक 872 रुपये पर आ गया था. हालांकि शुक्रवार के सेशन में स्टॉक एक्सचेंज पर आईआरसीटीसी के स्टॉक में रिकवरी देखने को मिली है और स्टॉक 0.28 फीसदी के उछाल के साथ 874.20 रुपये पर कारोबार कर रहा है.
रेल यात्रियों को होगा फायदा
इससे पहले रेल मंत्रालय ने भी 17 अक्टूबर 2024 को प्रेस रिलीज जारी कर एडवांस रिजर्वेशन पीरियड को 60 दिन किए जाने पर कहा, भारतीय रेल ने 1 नवंबर 2024 से एडवांस रिजर्वेशन पीरियड को 120 दिनों से घटाकर 60 दिन करने का फैसला किया है. रेल मंत्रालय के मुताबिक इस फैसले से वास्तविक रेल यात्रियों को फायदा होगा. मंत्रालय के मुताबिक, ऐसा देखा गया है कि 61 से 120 दिनों के बीच के लिए किया 21 फीसदी रिजर्वेशन रद्द कर दिया जाता है. 5 फीसदी यात्री ऐसे हैं जो ना टो टिकट रद्द करते हैं और ना यात्रा करते हैं. नो शो ट्रेंड (No Show Trend) भी बड़ा कारण है जिसके चलते ये फैसला लिया गया है जिससे भारतीय रेलवे को पीक सीजन के दौरान विशेष ट्रेनों की बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी.