बहुजन हितैषी होने का दंभ भरने वाली पार्टियां व संगठन आख़िर क्यों बना रहे हैं पीड़ितों से दूरी
सरदार पटेल इण्टर कॉलेज रैपुरा का मामला हो या फ़िर बरगढ़ की आदिवासी महिला के साथ लूट, छिनैती व गैंगरेप का हो मामला
बहुजन हितैषी होने का दावा ठोंकने वाली पार्टियों व संगठनों के पदाधिकारी साधे चुप्पी
बडा सवाल…आख़िर ऐसी पार्टियों के नेताओं को गरीब क्यों चुने अपना जनप्रतिनिधि
चित्रकूट. ज़िले में बहुजन हितैषी होने का दावा ठोंकने वाली पार्टियां व संगठन गरीबों के साथ हो रहे अत्याचार व उत्पीड़न के मामले में साथ देने के बजाय चुप्पी साध लेते हैं जिसके कारण यह गरीब जनता अपने आप को कोसती हुई नज़र आती है व यह सोचने में मजबूर हो जाती है कि आख़िर भरोसा करें भी तो किसका करें…?
चित्रकूट जिले की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी का बड़ा नाम रहा है जिसके कारण कर्वी सदर विधानसभा व पाठा बाहुल्य क्षेत्र की सीट मऊ मानिकपुर विधानसभा में बसपा का वर्षों कब्जा रहा है लेकिन इसके बावजूद आज भी जिले की गरीब जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही है इन मतलबी पार्टियों के नेताओं के छलावों से आज भी आम जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है l
बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर कर्वी सदर विधानसभा से आर के सिंह पटेल लगभग दो बार विधानसभा पहुंचे और मंत्री भी बने और समाजवादी पार्टी से सांसद भी बनें वहीं वर्तमान में सत्ताधारी दल भाजपा से बांदा चित्रकूट संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं वहीं सदर विधान सभा क्षेत्र से दिनेश प्रसाद मिश्र एक बार विधान सभा पहुंचे वहीं मऊ मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर दद्दू प्रसाद लगभग तीन बार विधानसभा पहुंचे व कैबिनेट मंत्री भी बने व चंद्रभान सिंह पटेल बसपा के टिकट पर ही एक बार विधानसभा पहुंचे वहीं बांदा चित्रकूट संसदीय क्षेत्र में दिवंगत बसपा रामसजीवन सिंह का बडा नाम हुआ करता था लेकिन समय परिवर्तन के बाद यह जमीनी नेता गरीब जनता से दूरियां बनाते हुए नजर आए l
सत्ताधारी दल के सांसद आर के सिंह पटेल सहित बहुजन हितैषी होने का दावा ठोंकने वाली बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष एडवोकेट शिवबाबू वर्मा, ज़िला उपाध्यक्ष बीरेंद्र सिंह बुंदेला, ज़िला प्रभारी व वर्तमान ग्राम प्रधान रैपुरा जगदीश पटेल उर्फ गुड्डा पटेल सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा सरदार पटेल इण्टर कालेज रैपुरा व बरगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली आदिवासी महिला के मामले में चुप्पी साधे हुए नजर आ रहे हैं l
यह ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधि व पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारी गरीब जनता के मुद्दों से भटकते हुए जातिवादी मानसिकता को बढ़ावा देते हुए नजर आ रहे हैं जिसके कारण बहुजनों में काफ़ी आक्रोश देखने को मिल रहा है l
रैपुरा थाना क्षेत्र के सरदार पटेल इण्टर कॉलेज रैपुरा में 11वीं की छात्रा के साथ कालेज के शिक्षकों द्वारा किए गए घिनौने कृत्यों पर पर्दा डालने के लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा खूब कोशिश की गई लेकिन बाद में कालेज से शिक्षकों को हटाकर मामले से पल्ला झाड़ने का काम किया गया है वहीं पीड़ित पति ने पुलिस अधीक्षक महोदया को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है दिए गए शिकायती पत्र में पीड़ित पति ने कालेज के शिक्षकों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं l
वहीं बरगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव की आदिवासी महिला के साथ लूट, छिनैती व गैंगरेप मामले में पीड़िता न्याय के लिए दर दर भटकती हुई नज़र आ रही है पीड़ित महिला के अनुसार एक मामले की पैरवी करने के लिए दिनांक 09/10/2023को माननीय न्यायालय में आई हुई थी वहां से वापस लौटते समय रेलवे स्टेशन कर्वी के प्लेटफार्म नंबर 2पर मादक पदार्थ सुंघाकर लूट व छिनैती हुई व उसी रात बरगढ़ थाना क्षेत्र के बोझ गांव के पास तीन अज्ञात व्यक्तियों द्वारा गैंगरेप को अंजाम दिया गया जिसमें पुलिस अभी जांच कर रही है l
ज़िले के मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र के रैपुरा थाना क्षेत्र के अनुसूचित जाति के गरीब ग्रामीण व बरगढ़ थाना क्षेत्र की अनुसूचित जनजाति की आदिवासी महिला के साथ घटी घटनाओं में बहुजन हितैषी होने का दावा करने वाली पार्टियां व संगठन दूरियां बनाते हुए नजर आए वहीं ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधि व ज़िम्मेदार पदाधिकारी भी मामले से दूरी बनाए हुए हैं l
बहुजन समाज के नाम पर एस सी/एस टी,ओबीसी व मायनारिटी के लोगों को गुमराह कर अपना उल्लू सीधा करने वाले नेता व पार्टियां असल मुद्दों से दूरी क्यों बनाते हुए नजर आते हैं l
बडा सवाल यह है कि क्षेत्र की गरीब जनता के साथ हो रहे अत्याचार व उत्पीड़न के मामले में यह सफेदपोश नेता क्यों दूरियां बनाते हुए नजर आते हैं कई नेता अपने सजातीय लोगों का साथ देने का काम करते हैं तो कई नेता व पदाधिकारी अपने सजातीय लोगों को बचाने का प्रयास करते हैं व गरीब जनता के बीच पहुंच कर झूठे दिलासे देते हुए नजर आते हैं l
आख़िर ऐसे जनप्रतिनिधियों व नेताओं को गरीब जनता क्यों अपना जनप्रतिनिधि चुनें और क्यों पार्टी व संगठन के नेताओं सहारे अपने साथ हो रहे गम्भीर से गम्भीर मुद्दों पर पर्दा डालने का काम करे… यह एक बड़ा सवाल है…?