मेडिकल विश्वविद्यालय जबलपुर ने ग्वालियर सहित प्रदेशभर के नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों से मंगलवार तक लगभग 15 हजार छात्राें की उपस्थिति का रिकॉर्ड मांगा है। नर्सिंग कॉलेजों को यह रिकॉर्ड एक हजार रुपए शपथ पत्र के साथ देना है। प्रदेश में लगभग 250 नर्सिंग कॉलेज हैं। सत्र 2020 -21 में बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्स में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की विस्तृत जानकारी यूनिवर्सिटी ने मांगी है जिससे फर्जी वाड़ा पर रोक लगाई जा सके। साथ ही हाईकोर्ट के सामने साक्ष्य प्रस्तुत किए जा सकें। जानकारी नहीं देने पर संबंधित कॉलेज के विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल नहीं करने की बात कही है।
दरअसल, हाईकोर्ट ने नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्स की सत्र 2020-21 की परीक्षाओं में रोक लगा दी है। कोर्ट के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने व कॉलेज फर्जीवाड़ा कर किसी भी विद्यार्थी को अपनी मर्जी से परीक्षा में शामिल नहीं करा सकें। इसके लिए प्रत्येक छात्र का नाम, विद्यार्थी ने प्रवेश कब लिया, एडमिशन रजिस्ट्रर की प्रतिलिपि व फीस रसीद की प्रति जमा करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा रिकॉर्ड 21 मार्च तक जमा नहीं करने पर संबंधित कॉलेज के विद्यार्थी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। इसके साथ ही कॉलेजाें से यह भी पूछा है कि विद्यार्थियों की पूरे साल के दौरान उपस्थिति कितनी रही? यदि संबंधित विद्यार्थी की उपस्थिति नियमानुसार कम होती तो भी वे परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।
परीक्षा कराने के लिए प्रति छात्र मिलेंगे 350 रुपए
मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर द्वारा जेयू में परीक्षाएं कराने पर अधोसंरचना शुल्क 350 रुपए प्रति छात्र मिलेंगे। जेयू ने इस संबंध में मांग की थी। इसके बाद मेडिकल विश्वविद्यालय ने ईसी में प्रस्ताव रखा था, जो मंजूर हो गया है। इससे विश्वविद्यालय को यहां परीक्षा कराने में आसानी होगी।
कल तक देना होगा रिकॉर्ड
"सत्र 2020-21 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति की जानकारी एक हजार रुपए के शपथ पत्र में 21 मार्च तक यूनिवर्सिटी में देना होगा। जानकारी नहीं देने पर संबंधित कॉलेज के विद्यार्थी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।"
-डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल, कुलसचिव, मेडिकल विवि, जबलपुर