नई दिल्ली : ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता शूटर अभिनव बिंद्रा देश में स्कूली बच्चों को खेल से होने वाले फायदों को बता रहे हैं। अभिनव बिंद्रा ने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि एक ओलंपियन होने के नाते आपको ओलंपिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने और अधिक से अधिक युवा लड़कियों और लड़कों को लाभ देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस मिशन को ध्यान में रखते हुए अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ने एक साल पहले आईओसी और ओडिशा सरकार के स्कूल और जन शिक्षा विभाग के साथ साझेदारी में भारत में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन प्रोग्राम (OVEP) लॉन्च किया था। ओडिशा राज्य के 90 सरकारी स्कूलों में लगभग 50,000 बच्चों को इसमें शामिल किया गया था।
स्कूलों में फिजिकल एक्टिविटी में बढ़ोतरी
अभिनव बिंद्रा ने कहा कि इस प्रोग्राम का रिजल्ट और रिएक्शन प्रेरणादायक रहा है। इन स्कूलों में फिजिकल एक्टिविटी में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कम उपस्थिति वाले सरकारी प्राइमरी स्कूल में में ओवीईपी के सेशन की शुरुआत के तीन महीने बाद ही छात्रों की संख्या में 12 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। जब मिक्स जेंडर, इंटर-स्कूल ओवीईपी टूर्नामेंट आयोजित किया गया था, तो लगभग 60 प्रतिशत टीम कप्तान लड़कियां थीं। एक स्कूल में, ओवीईपी एक विकलांग छात्र को फुटबॉल के मैदान पर लेकर आया। आज वह लड़का अपने जिले का प्रतिनिधित्व करता है। उसका कहना है कि वह जहां भी जाता है, ओलंपिक वैल्यू का प्रसार करना चाहता है।
ओलंपिक वैल्यू से मिली प्रेरणा
आईओसी एथलीट आयोग के मेंबर अभिनव बिंद्रा ने कहा खेल के जरिये निशानेबाज के रूप में उनके करियर ने उन्हें ओलंपिक मूल्यों के प्रति आजीवन प्रतिबद्धता को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि मैं अब भारत में स्कूली बच्चों के साथ उन मूल्यों को शेयर कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि रियो ओलंपिक 2016 में मैं चौथे स्थान पर रहले हुए ब्रॉन्ज से चूक गया था। उस समय प्रतिद्वंद्वी, टीम के साथी, कोच, दुनिया के सभी हिस्सों के लोग मेरे पास आए और मुझे धन्यवाद दिया। उन लोगों ने मेरे करियर के लिए, कड़ी प्रतिस्पर्धा करने और हमेशा निष्पक्ष रहने के लिए बधाई दी। ओलंपिक का मतलब निष्पक्ष खेल, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के लिए आजीवन प्रतिबद्धता है। यह दर्शाता है कि कि खेल वास्तव में दुनिया को हर किसी के लिए एक बेहतर जगह बनाने में मदद कर सकता है।