ना बैंड, ना बारात। पंडित भी नहीं। सात फेरे भी नहीं। शोर-शराबा भी नहीं। लड़का – लड़की हो गए एक दूजे के लिए। साथ जीने की कसमें भी खाई। वरमाला भी पहनाई। यह दृश्य मैरिज गार्डन या शादी समारोह स्थल का नहीं था। भिंड के महिला थाने का था, जहां प्रेम के दीवाने लड़का-लड़की महिला थाने में उपस्थित हुए। दोनों ने साथ जीने – मरने की कसमें पुलिस के समक्ष ली। पुलिस ने उनकी भावनाओं को समझा और शादी किए जाने की मान्यता देते हुए वरमाला पहनवाई।
दरअसल, होली के दिन पूरा जिला सात रंगों के रंगों में रंगा था। लोग रंग और गुलाल लगाकर एक दूसरे को खुशियां बांट रहे थे। इसी बीच प्रेम के रंग में रंगे एक लड़का और लड़की महिला पुलिस थाने पहुंचे। महिला पुलिस के समक्ष अपनी गुहार लेकर पहुंची लड़की प्रियंका पुत्री बंटी जाटव निवासी अटेर रोड और लड़का लंकेश विमल पुत्र स्वर्गीय बाबूलाल विमल जाटव निवासी मिश्रन पुरा देहात ने का था।
उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई कि हम दोनों बालिग हैं एक दूजे से प्यार भी करते हैं। हमारा समाज भी एक ही है। परंतु हम दोनों एक दूजे के नहीं हो पा रहे हैं। हमारे प्रेम में बाधा बने हुई कुछ लोग दुश्मनी निभा रहे हैं। शादी में अड़चन पैदा कर रहे हैं। इसलिए हमारी शादी नहीं हो पा रही है। बातों ही बातों में लड़का और लड़की दोनों ने पुलिस को बताया यदि हम दोनों एक दूजे के साथ जी नहीं सकते हैं तो मरने से भी हमें कोई रोक नहीं पाएगा। प्रेम के रंग में रंगी इस जोड़ी को महिला थाना प्रभारी गीता सिकरवार ने परिवार के सहमति पर शादी करने की बात कही। जब यह युगल जुड़ा अपनी बात पर अड़ा रहा।
पुलिस की मौजूदगी में हुए एक-दूजे के
इसके बाद महिला थाना प्रभारी सिकरवार ने लड़का और लड़की के परिवार जनों को भी मौके पर बुलाया। दोनों परिवारों को समझाइश दी। दोनों परिवारों को बताया कि दोनों ही बालिक है भारतीय संविधान के नियमानुसार वे दोनों एक दूजे को वर वधु के तौर पर चुनने का अधिकार है। हालांकि इस दौरान परिवार के कुछ सदस्यों ने विरोध किया। परंतु पुलिस के समक्ष नियमासार लड़का और लड़की ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई और साथ रहने की कसम खाई। महिला थाना पुलिस ने दोनों को बधाई भी दी और सुखमय: भविष्य की कामना भी की।