दलित महिला समिति और किसान सभा के तत्वाधान में कचेहरी परिसर माकपा कार्यालय में डॉ भीमराव अंबेडकर के 134वें जन्मदिन केअवसर पर *भारत का संविधान बचाना आज के संदर्भ में चुनौती है* विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व ग्राम प्रधान परसौंजा कामरेड राजाराम ने किया। संचालन कामरेड रामप्रताप ने किया
कार्यक्रम आरम्भ होने के पहले डाक्टर अम्बेडकर साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया तथा पुष्प अर्पित किया गया
गोष्ठी को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश किसान सभा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य कामरेड रूद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि आज भारत का संविधान खतरे की जद में है, क्योंकि जिस संविधान में डॉ अंबेडकर ने जनता की सामाजिक बराबरी के अधिकार, महिलाओं की आज़ादी का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, मतदान का आदि अधिकार शोषित पीड़ित समाज को दिलाए हैं, आज उन अधिकारों को समाप्त करने की साजिश हो रही है। यह नियोजित हमला उन तबकों पर ही है जो सदियों से उपेक्षित रहे हैं।
उन्होंने गोष्ठी में उपस्थित साथियों को आगाह करते हुए कहा कि अगर आज डॉ अंबेडकर के संविधान को बचाना है तो सरकार की जनविरोधी एवं मजदूर विरोधी आर्थिक नीतियों के खिलाफ लामबन्दी को तेज करना होगा। कॉमरेड अमित यादव जिला सचिव भाकपा ने कहा कि देश का संविधान लागू करते समय जो लोग संविधान का विरोध कर रहे थे, और पूरे देश में डॉ अंबेडकर के पुतले फूंके जा रहे थे, आज वही लोग देश की सर्वोच्च गद्दी पर विराजमान है। उन्होंने दलितों से भाजपा की इन साजिशों को बेनकाब करने का आवाहन किया।कामरेड राजाराम ने कहा कि संविधान की रक्षा करना ही बाबा साहब की जयंती मनाना है
गोष्ठी को संबोधित करते हुये जनवादी महिलासमिति की जिलाध्यक्ष कामरेड पूनम ने कहा कि अभी तो डॉ अंबेडकर के द्वारा रचित संविधान में प्रदत्त अधिकारों को पूरी तरह से प्राप्त ही नहीं कराया जा सका है, लेकिन उसके पहले ही उन अधिकारों पर कटौती शुरू हो गई है। यदि हमें डॉक्टर अंबेडकर के जन्मदिन को सार्थक करना है तो दलितों वंचितों और पिछड़ों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आम जनता को संगठित करके संघर्ष में उतरना होगा।
गोष्ठी में कामरेड रुद्र प्रसाद मिश्र, कामरेड अमित यादव जिला सचिव भा. क. पा. कामरेड राजाराम जिला सचिव किसान सभा कामरेड पूनम जिलाध्यक्ष जनवादी महिला समिति कामरेड रामप्रताप, शिव प्रसाद, मोहित, सोमलता आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।





