नई दिल्ली: चीन को दुनिया भर के बाजार का प्रोडक्शन हब (Production Hub) कहा जाता है। बात चाहे अमेरिकी बाजार की हो, यूरोपीय बाजार की हो या फिर अन्य बाजारों की। सब जगह अधिकतर सामान चीन के बने ही बिकते हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे चीन से दुनिया की फैक्ट्री का तमगा छिन रहा है। हम आईफोन (iPhone) का ही उदाहरण लेते हैं। इस साल भारत से आईफोन का निर्यात पिछले साल के मुकाबले डबल हो गया है। इसके और भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
दूने से भी ज्यादा बढ़ा निर्यात
साल 2022-23 के पहले नौ महीने, यानी कि बीते साल अप्रैल से दिसंबर के बीच के आंकड़ें देखें तो आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। इस अवधि के दौरान भारत से 2.5 अरब डॉलर से ज्यादा का आईफोन निर्यात किया गया। यह आंकड़ा एक साल पहले की समान अवधि में निर्यात किए गए आईफोन से करीब दोगुना है। इस क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि भारत में आईफोन बनाने वाले फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी समूह (Foxconn Technology Group) और विस्ट्रॉन कॉर्प (Wistron Corp.) ने साल 2022-23 के पहले नौ महीने में एक-एक अरब डॉलर से ज्यादा के एप्पल के साजो-सामानों (Apple’s marquee devices) का निर्यात किया है। एप्पल के लिए प्रोडक्शन करने वाली एक और कंपनी पेगाट्रॉन कॉर्प (Pegatron Corp.) भी इस महीने के अंत तक करीब 50 करोड़ डॉलर के Gadgets निर्यात करने वाली है।
कंपनियां दूरी बना रही हैं चीन से
चीन में इन दिनों हालात ठीक नहीं है। कोरोना का प्रकोप कभी घट जाता है तो कभी बढ़ जाता है। अब एप्पल की ही बात करें तो यह कंपनी चीन के बाहर अपने प्रोडक्शन को मजबूत कर रही है। ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि चीन के झेंग्झाउ Zhengzhou प्रांत में स्थित फॉक्सकॉन की मुख्य फैक्टरी में अराजकता के हालात पैदा हो गए हैं। इससे कंपनी का प्रोडक्शन प्लान गड़बड़ा गया। तभी तो इसने अपने आउटपुट इस्टीमेट को घटा दिया। इसका फायदा भारत सरकार उठाना चाहती है। तभी तो यहां नीतियां भी उसी हिसाब से बन रही हैं।
पिछले साल से ही भारत में चल रहा है काम
दुनिया की Most Valuable Company एप्पल ने पिछले साल से ही भारत में अपने लेटेस्ट मोबाइल फोन की एसेंबलिंग करना शुरू कर दिया है। देखा जाए तो यह भारत के पक्ष में एक महत्वपूर्ण निर्णय है। इससे पहले कंपनी के बड़े प्रोडक्शन प्लांट चीन में ही थे। उन प्लांटों को मोबाइल फोन करने वाली ताइवानी कंपनियां चलाती हैं। इन कंपनियों की सूची में Foxconn का अहम स्थान है। अब यह काम भारत में हो रहा है। इससे भारत की घरेलू आवश्यकता तो पूरी हो ही रही है, विदेशी बाजारों में भी इसे एक्सपोर्ट किया जा रहा है।