नई दिल्ली: 1877 में पहला टेस्ट मैच खेला गया था। अभी 2023 चल रहा है, यानी इसके 146 साल हो चुके हैं। अभी तक 2500 टेस्ट खेले जा चुके हैं। 2000 से ज्यादा खिलाड़ी यह फॉर्मेट खेल चुके हैं। इसमें सिर्फ 42 ही खिलाड़ियों के नाम हैट्रिक विकेट है। हैट्रिक विकेट यानी लगातार तीन गेंदों पर तीन विकेट। हैट्रिक तभी माना जाता है जब यह एक ही मैच में हो। टेस्ट की पहली पारी में अंतिम दो गेंदों पर दो विकेट लेने के बाद कोई बॉलर अगली पारी में पहली गेंद पर विकेट लेता है तो यह हैट्रिक माना जाएगा। लेकिन कोई बॉलर दो मैच में लगातार तीन गेंदों पर विकेट लेता है तो वह हैट्रिक नहीं होता है।
एक ही दिन में दो हैट्रिक
हैट्रिक लेने वाले 42 गेंदबाजों में सिर्फ चार ही बॉलर हैं, जिन्होंने दो बार ऐसा किया है। ऑस्ट्रेलिया के ह्यूग ट्रंबल और जिमी मैथ्यूज के साथ पाकिस्तान के वसीम अकरम और इंग्लैंड के स्टुअर्ड ब्रॉड। इसमें जिमी मैथ्यूज ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने एक ही टेस्ट में दो हैट्रिक लिया था।
1912 में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच त्रिकोणीय टूर्नामेंट खेला गया था। पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया की टक्कर साउथ अफ्रीका से थी। मैच के दूसरे दिन मैथ्यूज ने साउथ अफ्रीका के अंतिम तीन बल्लेबाजों को आउट किया। रोलैंड ब्यूमोंट को आउट करने के बाद उन्होंने सिड पेग्लर और टॉमी वार्ड को खाता नहीं खोलने दिया। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 448 रन बनाए थे। साउथ अफ्रीका ने 265 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया ने फॉलोऑन दिया। मैच के दूसरे ही दिन साउथ अफ्रीक की दूसरी पारी में जिमी मैथ्यूज ने हर्बी टेलर, रेगी श्वार्ज और टॉम वार्ड को लगातार तीन गेंदों पर आउट किया। इस तरह एक ही दिन में उन्होंने दो हैट्रिक लेकर इतिहास रच दिया। अंत में ऑस्ट्रेलिया ने मैच को पारी और 88 रनों से जीता। मैथ्यूज को इस मैच में कुल 6 विकेट ही मिले।
अपने बूते लिये सभी विकेट
जिमी मैथ्यूज को दोनों हैट्रिक में सभी विकेट अपने बूते मिले। यानी किसी भी फील्डर की उन्हें जरूरत नहीं पड़ी। इसमें तीन विकेट बोल्ड और दो एलबीडब्ल्यू से मिले। दो बल्लेबाजों का कैच उन्होंने अपनी गेंद पर खुद ही लपका। तब से आज तक कोई भी गेंदबाज एक ही टेस्ट में दो हैट्रिक नहीं ले पाया है। मैच में दो हैट्रिक तो दूर इन 111 सालों में सिर्फ दो ही बॉलर ने टेस्ट में एक से ज्यादा हैट्रिक ली है।