नई दिल्ली: नया साल आते ही मंदी (recession) की आहट भी तेज होने लगी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टालीना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने चेतावनी दी है कि इस साल एक तिहाई दुनिया मंदी की चपेट में होगी। दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी अमेरिका (US), यूरोपियन यूनियन (EU) और चीन (China) के लिए यह साल बहुत मुश्किल रहने वाला है। यूक्रेन जंग, महंगाई, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और चीन में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी से नया साल ग्लोबल इकॉनमी के लिए मुश्किलों से भरा रह सकता है। आईएमएफ के मुताबिक सबसे बुरा हाल चीन का होगा। इसकी वजह यह है कि कोरोना ने वहां की फैक्ट्रियों में भी दस्तक दे दी है। इससे देश के उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है। इससे पूरी दुनिया के प्रभावित होने की आशंका है। अक्टूबर में आईएमएफ ने 2023 के लिए इकनॉमिक ग्रोथ के आउटलुक में कटौती की थी।
जॉर्जीवा ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘हमारा अनुमान है कि नए साल में दुनिया की एक तिहाई इकॉनमी मंदी की चपेट में होगी। जो देश मंदी की चपेट में नहीं होंगे, वे भी इसका असर महसूस करेंगे। ऐसे देशों में लाखों पर इसका असर होगा।’ यूक्रेन में चल रही जंग से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। साथ ही महंगाई को रोकने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में इजाफा किया है। इस बीच चीन ने अपनी जीरो कोविड पॉलिसी को खत्म कर दिया है और फिर से इकॉनमी को खोलना शुरू कर दिया है। लेकिन देश में कोरोना अभी काबू में नहीं आया है। चीन के इस कदम से एक बार फिर दुनियाभर में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं।