नई दिल्ली: खाने का स्वाद बढ़ाने वाला प्याज (Onion Price) इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है। ये प्याज खाने वाले और खिलाने वाले (किसान) दोनों को रुला रहा है। खाने वाले लोग महंगे प्याज की वजह से आंसू बहा रहे हैं तो दूसरी तरफ प्याज की फसलों की उचित कीमत नहीं मिलने से उसे उगाने वाले किसान खून के आंसू बहा रहे हैं। प्याज कहीं सोना बन रहा है तो कहीं दर्द का सबक। ग्लोबल मार्केट में प्याज के भाव सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। फिलीपींस, पाकिस्तान, अमेरिका, ताइवान, जापान, कनाडा, सिंगापुर में प्याज की कीमतें खरीदारों की जेब ढ़ीली कर रही है। लोग महंगा प्याज खरीदने को मजबूर है, जबकि भारत में स्थिति बिल्कुल उलट हैं। भारत में प्याज किसानों को औने पैने दाम पर प्याज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
यहां खाने वालों को रुला रहा प्याज
ग्लोबल मार्केट में प्याज की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच गई है। फिलीपींस में तो प्याज इतना महंगा हो गया है कि इसकी तुलना सोने से होने लगी है। प्याज ग्लोबल फूड क्राइसिस का सिंबल बनता जा रहा है। फिलीपींस में अप्रैल 2022 में प्याज की कीमत 105 रुपये थी, जो दिसंबर 2022 में बढ़कर 3512 रुपये पर पहुंच गई। कीमत बढ़ी तो प्याज की स्मगलिंग शुरू हो गई। फिलीपींस ही नहीं साउथ कोरिया में प्याज के भाव 250 रुपय प्रति किलो पर पहुंच गए। अमेरिका में प्याज की कीमत 240 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। ताइवान में प्याज की कीमत 200 रुपये प्रति किलो के पार है। वहीं जापान में प्याज की कीमत 200 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। कनाडा मं भी हाल अच्छा नहीं है। यहां प्याज की कीमत 190 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। सिंगापुर में एक किलो प्याज की कीमत 180 रुपये में बिक रहा है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्याज की कीमत 250 रुपये के पार हो चुकी है। इसके अलावा तुर्की, कजाखिस्तान, मोरक्को में भी प्याज की कीमतें आसमान छू रही है।
क्यों की कीमतों में तेजी क्यों ?
नेचुरल कैलेमिटीज, ग्लोबल फूड क्राइसिस , रुस और यूक्रेन वॉर जैसे कई कारकों के कारण प्याज की ग्लोबल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। पाकिस्तान में बाढ़, यूरोपीय देशों में सूखे के कारण प्याज की फसल प्रभावित हुई है। जिसके कारण इसकी कीमत में तेजी आई है। प्याज के सबसे बड़े निर्यातक नीदरलैंड पर भी सूखे के कारण असर पड़ा है। मौसम की मार मार झेल रहे प्याज की कीमत पर असर पड़ा है। प्याज की पैदावार करनेवाले उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान में पाले के कारण फसल बर्बाद हुई है। इसके अलावा यूक्रेन युद्ध के कारण प्याज की कीमत पर असर पड़ा है। इन सब कारणों से प्याज की कीमतों पर असर पड़ा है।
भारत में हाल है उल्टा
जहां दुनियाभर के देशों में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। वहीं भारत में हाल उल्टा है। भारत के कई राज्यों में किसान 1 -2 रुपये प्रति किलो में प्याज बेचने को मजबूर है। यहां प्याज को कोई पूछने वाला नहीं है। दिल्ली के आजादपुर मंडी में प्याज की कीमत 8-10 रुपये प्रति किलो बिक रही है। किसानों को प्याज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। किसान भाव गिरने से परेशान है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सोलापुर के 58 साल के प्याज किसान राजेंद्र तुकाराम चौहान को 512 किलो प्याज बेचने बाद 2.49 रुपये का मुनाफा हुआ। उन्हें एक रुपये किलो प्याज बेचना पड़ा। दरअसल खेतों में प्याज तैयार हो चुकी है। ऐसे में किसानों को उपज बेचना मजबूरी है। एक गाड़ी प्याज बेचने में किसानों को 15 दिन का वक्त लग रहा है। कोई उठाने वाला तैयार नहीं है। उन्हें 2 से 3 रुपये किलो रुपये प्याज बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है।