देहरादून। छात्रसंघ चुनाव को लेकर प्रदेशभर के 120 कॉलेज और तीन विश्वविद्यालय परिसरों में चौतरफा शोर है। छात्र संगठन आरोप-प्रत्यारोप और जोड़-तोड़ की राजनीति तक ही सीमित हैं। इस चुनाव अभियान में छात्र हित के मुद्दे गायब नजर आ रहे हैं। किसी भी छात्र संगठन ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं किया है।
देहरादून शहर की बात करें तो यहां डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और श्री गुरुराम राय पीजी कॉलेज एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्ध हैं। इसके अलावा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता और सुद्धोवाला महिला पॉलिटेक्निक परिसर में किराये के कमरों में संचालित देहरादून राजकीय महाविद्यालय श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि से संबद्ध है। इन छह कॉलेजों में करीब 16047 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है।
चारों-ओर प्रचार का शोर
सभी कालेज परिसरों में प्रचार का शोर सुनाई दे रहा है, लेकिन छात्र हितों के मुद्दों को कोई भी प्रत्याशी उठाता नहीं दिख रहा है। जबकि इन सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेज और राजकीय महाविद्यालयों में समस्याओं का अंबार है। वहीं, समय पर परीक्षा परिणाम जारी नहीं होने से कई छात्रों का एक साल बर्बाद होता है, इसकी छात्र नेताओं को कोई परवाह नहीं है।
छात्र सभा का किया गया आयोजन
देहरादून के चार कॉलेज डीएवी, डीबीएस, एमकेपी ओर श्री गुरुराम राय पीजी कॉलेज में शनिवार को छात्र सभा का आयोजन किया गया। सभा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया, आर्यन, निर्दलीय आदि छात्र संगठनों के प्रत्याशियों ने अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं।
आर्यन संगठन के सदस्य आपस में भिड़े
डीएवी पीजी कालेज में आर्यन छात्र संगठन के आपस में भिड़ गए। गनीमत रही कि वहां पुलिस बल मौजूद था। दो पक्षों में विवाद का प्रमुख कारण अध्यक्ष पद के प्रत्याशी सिद्धार्थ अग्रवाल के एनएसयूआई से आना और अध्यक्ष पद का दावेदार बनाया जाना बताया जा रहा है।
आर्यन से जुड़े पुराने छात्र चाहते थे कि उन्हें के बीच से कोई वरिष्ठ छात्र महासचिव का चुनाव लड़े, मगर संगठन ने महासचिव पद पर दावेदारी ही नहीं की। जबकि संगठन ने एनएसयूआई से आर्यन में आए सिद्धार्थ अग्रवाल को अध्यक्ष पद का दावेदार बना दिया। आर्यन के सदस्यों का एक गुट इस फैसले का विरोध कर रहा है। उधर, शनिवार को हुई धक्का मुक्की के बीच पहुंची पुलिस ने उन्हें तितर बितर कर दिया।
छात्रों के ज्वलंत मुद्दे
परीक्षा परिणाम समय पर जारी न होने से कई छात्र-छात्राएं अगली कक्षा में दाखिले से वंचित रहते हैं।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि व एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्ध कॉलेजों में मार्कशीट की त्रुटियां छात्रों का साल बर्बाद कर रही हैं।
कोई भी कॉलेज 70 प्रतिशत अनिवार्य छात्रों की उपस्थिति को लेकर गंभीर नहीं है। ऐसे में बिना कक्षा पढ़े ज्यादातर छात्र परीक्षा देते हैं, फिर अगले साल बैक पेपर देने को मजबूर होते हैं।
कालेज कैंपस के पुस्तकालय में पुस्तकों का अभाव है।
कैंपस में खेल गतिविधियों का अभाव है। साल भर में एक से दो खेल प्रतियोगिताएं ही हो पाती हैं।
कक्षाओं में बैठने के लिए मेज-कुर्सी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
कॉलेज के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं के कैंपस इंटरव्यू का पूरी तरह अभाव है।
कॉलेजों में बुनियादी सुविधाएं, पेयजल, शौचालय, वाचनालय की सुविधा नहीं है।
एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि का क्षेत्रीय कार्यालय खुड़बुड़ा में एक जर्जर किराये के भवन में चल रहा है।
परीक्षा परिणाम समय पर जारी न होने से कई छात्र-छात्राएं अगली कक्षा में दाखिले से वंचित रहते हैं।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि व एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्ध कॉलेजों में मार्कशीट की त्रुटियां छात्रों का साल बर्बाद कर रही हैं।
कोई भी कॉलेज 70 प्रतिशत अनिवार्य छात्रों की उपस्थिति को लेकर गंभीर नहीं है। ऐसे में बिना कक्षा पढ़े ज्यादातर छात्र परीक्षा देते हैं, फिर अगले साल बैक पेपर देने को मजबूर होते हैं।
कालेज कैंपस के पुस्तकालय में पुस्तकों का अभाव है।
कैंपस में खेल गतिविधियों का अभाव है। साल भर में एक से दो खेल प्रतियोगिताएं ही हो पाती हैं।
कक्षाओं में बैठने के लिए मेज-कुर्सी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
कॉलेज के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं के कैंपस इंटरव्यू का पूरी तरह अभाव है।
कॉलेजों में बुनियादी सुविधाएं, पेयजल, शौचालय, वाचनालय की सुविधा नहीं है।
एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि का क्षेत्रीय कार्यालय खुड़बुड़ा में एक जर्जर किराये के भवन में चल रहा है।
छात्र नेताओं ने कही ये बात
एनएसयूआई साल भर छात्र हितों के मुद्दों को लेकर संघर्षशील रहती है। कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के बगैर एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश की मांग सबसे पहले एनएसयूआई ने उठाई। इसी का परिणाम है कि दून के चार कॉलेजों में करीब पांच हजार छात्र-छात्राओं को मेरिट के आधार पर प्रवेश का मौका मिला। – विकास नेगी, प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सुद्धोवाला महिला पॉलिटेक्निक परिसर में किराये के भवन में चल रहे देहरादून राजकीय महाविद्यालय में सुविधाओं के लिए कॉलेज से लेकर कलेक्ट्रेट तक धरना दिया है। सीयूईटी के बिना उत्तराखंड के सभी कॉलेजों में प्रवेश देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री तक को ज्ञापन सौंपा। – विक्रम फरस्वाण, प्रांत महामंत्री अभाविप