नई दिल्ली: बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन आज सरकार को घेरने की विपक्ष ने पूरी तैयारी कर रखी थी। पिछले कुछ दिनों में कई विपक्षी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी हुई। सीबीआई और ईडी की पूछताछ के साथ दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को जेल भी हुई है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां पहले से ही चीन और अडानी के मुद्दे पर सरकार को घेरती आ रही थीं। आज भी सरकार को घेरने का ‘चक्रव्यूह’ तैयार था। ठीक 11 बजे संसद की कार्यवाही शुरू हुई तो लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने कई नेताओं के निधन पर शोक संदेश पढ़े। माहौल शांत था, कैमरा संसद सदस्यों को दिखा रहा था और आगे की पंक्ति में नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह बैठे दिखे। सभी सदस्यों ने खड़े होकर मौन श्रद्धांजलि भी अर्पित की। ऐसा लगा कि विपक्ष अब हंगामा करेगा, उससे पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीन बदल दिया। सभी अपनी सीट पर बैठते उससे पहले ही, ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे गूंजने लगे। विपक्ष के सदस्य कुछ कहते, उससे पहले स्पीकर की अनुमति पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खड़े हो गए।
राजनाथ सिंह ने अपने अंदाज में राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘श्री राहुल गांधी, जो इसी सदन के सांसद हैं। राहुल गांधी ने लंदन में जाकर भारत को बदनाम करने की कोशिश की है और कहा है कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पूरी तरह से तहस-नहस हो रही है और विदेशी ताकतों को आकर यहां भारत के लोकतंत्र को बचाना चाहिए। यह भारत की गरिमा पर, भारत की प्रतिष्ठा पर गहरी चोट पहुंचाने की कोशिश की है।’ रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि अध्यक्ष महोदय, मैं आपसे यह मांग करता हूं कि पूरे सदन के द्वारा उनके इस व्यवहार की निंदा की जानी चाहिए और आपके द्वारा निर्देश दिया जाना चाहिए कि संसद के फोरम पर आकर वह क्षमा याचना करें।
हंगामा चल ही रहा था कि संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी बोलने लगे। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। ऐसे सदन के एक सदस्य श्रीमान राहुल गांधी विदेश में जाकर चेयर पर आरोप लगाते हैं, उनका माइक पूरा चालू था, जब आपने (स्पीकर) मौका दिया तो उन्होंने पूरा बोला। उन्होंने कहा कि जब एक ऑर्डिनेंस को मीडिया के सामने फाड़कर फेंक दिया गया था और उसे नॉनसेंस कहा गया था तब लोकतंत्र कहां था। तत्कालीन प्रधानमंत्री असहाय दिखते थे, तब लोकतंत्र कहां था। वह भारत के आंतरिक मामले में यूरोप और अमेरिका से हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं। मैं इसकी निंदा करता हूं। थोड़ा कुछ भी शर्म है तो राहुल गांधी को सदन में आकर माफी मांगनी चाहिए। विपक्षी सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करते रहे। स्पीकर के आगाह करने पर भी जब हंगामा नहीं रुका तो लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई
12 मिनट चली राज्यसभा और…
उधर, उच्च सदन यानी राज्य सभा की कार्यवाही शुरू हुए 12 मिनट बीते थे तभी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल खड़े हुए। उन्होंने कहा कि मैं देश का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि किस तरह से बहुत ही शर्मनाक तरीके से विपक्ष के वरिष्ठ नेता ने भारत के लोकतंत्र पर प्रहार किया है। यह सुनते ही सदन में शोर होने लगा। गोयल ने कहा कि विदेश में जाकर उन्होंने भारत की सेना का अपमान किया, भारत के सदन का अपमान किया, अध्यक्ष का अपमान किया। जिस प्रकार से उन्होंने प्रेस का अपमान किया, न्यायपालिका का अपमान किया और पूरे देश ने देखा कि विदेशी धरती पर जाकर विपक्ष के नेता ने किस प्रकार से पूरे भारतवासियों को चोट पहुंचाई है। उन्हें पूरे देश से और यहां आकर माफी मांगनी चाहिए। सदन में सेना, प्रेस, न्यायपालिका से माफी मांगनी चाहिए। इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य खड़े रहे। बाद में राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई।
जितना समय मिला उससे ज्यादा बोले राहुल
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि लोकसभा में राहुल गांधी को जितना समय दिया गया था उससे ज्यादा वह बोले हैं, फिर कैसे बोलते हैं कि उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया जाता। उन्होंने भारत के बाहर भारत का कितना अपमान किया…..उन्होंने (राहुल गांधी) भारत के लोकतंत्र को बचाने के लिए दूसरे देश से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। ये भारत का, भारत के लोकतंत्र का और संसद का अपमान है। वह झूठ बोलकर इस देश का अपमान क्यों कर रहें?
राहुल गांधी के सपोर्ट में खड़ हुए खरगे
संसद में सत्ता पक्ष ने राहुल गांधी की स्पीच पर सवाल उठाया तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हम अडानी शेयरों के मुद्दे पर JPC के गठन की मांग कर रहे हैं। जब हम इस मुद्दे को उठाते हैं तो माइक बंद कर दिया जाता है और सदन में हंगामा शुरू हो जाता है। इसके लिए आज भी हम JPC की मांग कर रहे हैं। वे खुद यहां लोकतंत्र को कुचल रहे हैं और हर एजेंसी का गलत उपयोग कर रहे हैं। वे देश को एक तानाशाही की तरह चला रहे हैं और फिर ये लोग लोकतंत्र और देशभक्ति की बात करते हैं।