कराची: भयंकर आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान के सामने अब नई मुसीबत पैदा हो गई है। जो ताजा खबरें आ रही हैं, उसके मुताबिक नौ मार्च तक देश का विदेशी मुद्राभंडार 4.3 अरब डॉलर पर था। जबकि ईधन के लिए जरूरी तेल और बाकी जरूरी सामान के आयात के लिए उसे मार्च से सितंबर तक कुल 8.5 अरब डॉलर चाहिए। अब यह रकम कहां से आएगी, यह सवाल सरकार के लिए सिरदर्द बन चुका है। एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो देश की स्थिति बिल्कुल श्रीलंका की तरह हो चुकी है जहां पर सबकुछ बंद होने की नाैबत हो गई है। पाकिस्तान की नजरें अब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) पर टिकी हैं जिसके साथ स्टाफ लेवल एग्रीमेंट पर इस हफ्ते कोई फैसला हो सकता है।
बिजनेस रिकॉर्डर की एक रिपोर्ट की मानें तो विदेशी मुद्रा भंडार का 38 फीसदी हिस्सा कच्चे तेल के आयात, 19 फीसदी हिस्सा गैस (MOGA) के लिए, 14 फीसदी हिस्सा एचएसडी फ्यूल के लिए चाहिए होगा। जबकि 27 फीसदी एलएनजी, एक फीसदी जेट फ्यूल के लिए ओर एक फीसदी प्लांट, मशीनरी और उपकरणों को चलाने के लिए जरूरी है। पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से वेबसाइट ने जानकारी दी है कि मंत्रालय की तरफ से सरकार को जरूरी रकम के बारे में बता दिया गया है। सरकार को यह जानकारी भी दी गई है कि अगले सात महीने के अंदर उसे रकम चाहिए होगी। अगर कोई प्रबंध नहीं किया गया तो फिर हालात मुश्किल हो जाएंगे।
मार्च 2023 में पाकिस्तान को 1.078 अरब डॉलर की जरूरत है जिसमें से 366 मिलियन डॉलर कच्चे तेल के लिए चाहिए। जबकि 298 मिलियन डॉलर गैसोलिन फ्यूल, 49 मिलियन डॉलर एचएसडी, 300 मिलियन डॉलर एलएनजी, आठ मिलियन डॉलर जेट फ्यूज के लिए, तीन मिलियन डॉलर एलपीजी, 23 मिलियन डॉलर प्लांट मशीनरी और उपकरणों के लिए चाहिए जबकि 1.3 मिलियन डॉलर्स बाकी जरूरतों के लिए चाहिए। मार्च से लेकर सितंबर महीने तक इस रकम में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। अब इस रकम का जुगाड़ कहां से होगा यह सरकार को नहीं मालूम है।
पाकिस्तान पर मौजूद आर्थिक संकट को देखकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का दिल भी पसीज गया है। बाइडेन ने तय किया है कि वह पाकिस्तान को 82 मिलियन डॉलर की मदद करेंगे। बाइडेन प्रशासन की मानें तो पाकिस्तान को यह मदद विनाशकार बाढ़ से उबरने के लिए दी जाएगी। अमेरिका के विदेश विभाग के मुताबिक यह मदद पाकिस्तान के प्राइवेट सेक्टर को आगे बढ़ाने के मकसद से दी जाएगी। साथ ही इससे लोकतांत्रित संगठनों को भी सहायता होगी।
कैसे होगी पाकिस्तान की मदद