इस्लामाबाद: पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा कोष लगातार सिकुड़ रहा है और इस बीच ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बड़ी चेतावनी दी है। इमरान ने देश की गठबंधन सरकार को जमकर फटकारा है और पीएम शहबाज शरीफ की आर्थिक नीतियों को बकवास करार दिया है। इमरान ने कहा है कि अगर जल्द ही देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की तरफ से लोन नहीं मिला तो फिर वह डिफॉल्ट हो सकता है। इमरान ने रविवार को अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही है। उन्होंने कहा कि देश के पास कोई और विकल्प ही नहीं है और उसे हर हाल में जल्द से जल्द आईएएफ से मदद चाहिए। इमरान की इस चेतावनी को पीएम की पूर्व विशेष सलाहकार डॉक्टर सानिया निश्तर का भी समर्थन मिला है।
इमरान ने पाकिस्तान पीपुल्स लीग-नवाज (PML-N) की गठबंधन सरकार की आर्थिक नीतियों को आड़े हाथों लिया है। इमरान कहा कि खराब नीतियों की वजह से 7.5 लाख पाकिस्तानी पिछले सात साल में देश छोड़कर भाग चुके हैं। उनकी मानें तो देश में जारी आर्थिक संकट की वजह से इंडस्ट्रीज लगातार बंद हो रही हैं और स्थिति गंभीर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में महंगाई और बढ़ेगी। पीटीआई के मुखिया इमरान ने नागरिकों से अपील की है कि संकट की इस स्थिति में देश छोड़कर न जाएं।
इमरान का कहना था कि मुश्किल स्थिति में एक देश साथ मिलकर लड़ता है। इमरान ने साल 2018 में देश की सत्ता संभाली थी। उस समय उन्होंने वादा किया था कि वह पाकिस्तान को मुश्किलों से बाहर निकाल कर रहेंगे। इससे पहले इमरान ने साल 2015 में बड़ा बयान दिया था। इमरान ने कहा था, ‘मैं भीख मांगने से मर जाना बेहतर समझूंगा।’ इमरान ने कहा कि उनकी जिंदगी भी खतरे में है लेकिन वह पाकिस्तान में रहकर इस मुश्किल घड़ी से लड़ेंगे। उनकी मानें तो खडे़ रहकर लड़ना ही किसी तबाही से बाहर आने का रास्ता है।
देश की स्थिति पर मीटिंग
पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान की आखिरी उम्मीद अब आईएमएफ से मिलने वाला बेलआउट पैकेज है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्राभंडार कम होता जा रहा है। साथ ही महंगाई भी दो साल से बड़ी चुनौती बनी हुई है। माना जा रहा है कि अगले छह महीने में महंगाई और बढ़ेगी और जनता के लिए परेशानियां भी दोगुनी होंगी। पिछले शुक्रवार को नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) की एक मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में सरकार के सीनियर मंत्री और टॉप मिलिट्री ऑफिसर्स को आर्थिक मोर्चे पर बढ़ती देश की मुश्किलों के बारे में बताया गया था। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक वित्त मंत्रालय को महंगाई और विदेयी मुद्रा दर कम रखने में काफी चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है।