इस्लामाबाद: पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था को सिर्फ IMF ही सहारा दे सकता है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को IMF की बेलआउट शर्तों से सहमत होना होगा, जो कल्पना से परे है। महीनों से रुकी वित्तीय सहायता को फिर से शुरु करने से जुड़ी अंतिम बातचीत के लिए IMF का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचा है। अक्टूबर में होने वाले चुनावों से पहले शहबाज सरकार IMF की शर्तों को लागू नहीं करना चाहती थी। क्योंकि IMF की शर्तें एक कड़वी दवाई है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी हो सकती है, लेकिन जनता को पसंद नहीं आएगी।
महंगाई 48 साल के अपने रेकॉर्ड पर
बुधवार को आए आंकड़ों से पता चलता है कि महंगाई 48 साल में अपने उच्चतम स्तर पर है। इससे पाकिस्तानियों की थाली से रोटी गायब होती जा रही है। पाकिस्तान में जनता का कहना है कि गरीब लोग जिंदा नहीं रहेंगे। इसके साथ ही जनता का कहना है कि पेट्रोल लगातार महंगा होता जा रहा है, क्या अब वह पैदल चलें? पाकिस्तान दिवालिया हो इससे पहले ही उसने IMF से डील में तेजी ला दी है। डील करने के लिए पहले ही पाकिस्तान ने पेट्रोल की कीमत बढ़ा दी है। लेकिन IMF अभी पेट्रोल से और सब्सिडी खत्म कराना चाहता है।