कराची: पाकिस्तान का शहर कराची जो देश की आर्थिक राजधानी है और जिसे भारत के मुंबई के बराबर रखा जाता है, जल्द ही अंधेरे में डूब जाएगा। के इलेक्ट्रिक (KE) के एक अधिकारी की तरफ से सरकार के संसदीय पैनल को बताया गया है कि अगर सरकार की तरफ से जल्द ही सब्सिडी अदा नहीं की गई तो फिर शहर पर मुसीबत आ सकती है। केई वह प्राइवेट कंपनी है जो शहर को बिजली सप्लाई करती है। पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है।
गहराता भुगतान संकट
देश के ऊर्जा सचिव की तरफ से लोक लेखा समिति (पीएसी) की एक मीटिंग के दौरान बताया गया है कि संघीय सरकार टैरिफ अंतर को बनाए रखने के लिए के-इलेक्ट्रिक को 10 रुपए से 20 रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी देती है। उनका कहना था कि के-इलेक्ट्रिक को तुरंत अपने टैरिफ अंतर सब्सिडी का भुगतान करना होगा। अधिकारी ने कहा कि नेशनल ट्रांसमिशन एंड डिस्पैच कंपनी (एनटीडीसी) को के-इलेक्ट्रिक को मार्कअप के रूप में 20 अरब रुपए का भुगतान करना था। यह राशि अब बढ़कर 150 अरब रुपए हो गई है।
रुक सकती है बिजली सप्लाई
सचिव ने समिति को बताया कि सरकार ने के-इलेक्ट्रिक को 150 अरब रुपए की राशि का भुगतान नहीं किया था। सचिव ने कहा कि समिति की अध्यक्षता पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता शाहिद खाकान अब्बासी की करते हैं। समिति इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रही है और उम्मीद है कि जून के अंत तक इसे सुलझा लिया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि के-इलेक्ट्रिक को भुगतान की कमी से बिजली सप्लाई रुक सकती है।
समिति के सदस्य सीनेटर मुशहिद हुसैन सैयद ने कहा कि भयंकर गर्मी और लू के दौरान लोगों को दो घंटे तक की अतिरिक्त बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। देश में लू के तेज होने के साथ ही साथ बिजली की कटौती को दो घंटे के लिए बढ़ाया जाएगा। सेंट्रल पावर परचेजिंग एजेंसी (सीपीपीए) के अधिकारियों ने समिति को बताया कि उन्हें स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) को 16 अरब रुपए का भुगतान करना है। उन्होंने कहा कि चूंकि वे वितरण कंपनियों से अपना बकाया वसूल करने में असमर्थ हैं, इसलिए वे आईपीपी का भुगतान भी नहीं कर सकते हैं।