महोबा।
ब्यूरो चीफ महोबा गुरुवार को शहर के सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज के सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के जन्मोत्सव के पूर्व दिवशीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के दौरान मुख्य वक्ता के रुप में प्रधानाचार्य कमलेश सिंह जी ने पंडित नेहरू और नानक देव के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पंडित नेहरू जी बच्चों से बहुत ज्यादा प्रेम करते थे और बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू के नाम से पुकारते थे। नेहरू जी बच्चों को देश का भविष्य कहकर सम्बोधित करते थे। उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई के साथ ही बच्चों के अधिकारों के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसके चलते ही उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है और गुरु नानक जी ने समाज को नैतिकता, कड़ी मेहनत और सच्चाई का संदेश दिया। उनका जीवन प्रेम, ज्ञान और वीरता से भरा हुआ है। उनका कहना था कि हमें माया के जाल में नहीं उलझना चाहिए। हम खुश रहें, दूसरों को खुश रखें, प्रार्थना करें, सेवा करें और धर्म की रक्षा के लिए कार्य करें। इस अवसर पर बच्चों ने बालमेला कार्यक्रम का आयोजन किया और छात्र भैया बहिनों ने जमकर खरीददारी की और व्यावसायिक प्रणाली को समझा कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य श्री कमलेश सिंह जी ने पंडित नेहरू और गुरु नानक देव के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्प अर्पण कर किया। कार्यक्रम का संचालन शिशुभारती की प्रधानमंत्री बहिन नव्या सिंह ने किया। विद्यालय के संगीताचार्य पंडित जगप्रसाद तिवारी जी ने सिख धर्म के लिए अपने जान की कुर्बानी देने वाले नायकों की बात को स्मरण कराया और उन्होंने कहा कि सिक्ख धर्म का देश की संस्कृति, सभ्यता को बरकरार रखने में बहुत बड़ा योगदान है। गणित प्रवक्ता आदित्य जी ने सारगर्भित शब्दों में प्रधानमंत्री नेहरू और नानक देव की कहानियों को स्मरण कराया इस अवसर पर प्रधानाचार्य कमलेश सिंह जी, आचार्य जयनारायण जी,जगप्रसाद जी गिरीश जी आदि के अलावा समस्त आचार्य, कर्मचारी व छात्र, छात्राएं मौजूद रहे।