मध्यप्रदेश में कॉमर्शियल वाहन जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट खासतौर पर स्कूल बस तक में सुरक्षा के लिए लगने वाले पैनिक बटन का ट्रायल शुरू हो गया है। भोपाल के कोकता में बने आरटीओ में बनाए गए स्टेट कंट्रोल एंड कमांड सेंटर ट्रायल के लिए चुने गए वाहनों की मॉनिटरिंग की जाने लगी है।
ट्रायल के दौरान दमोह में एक बस में पैनिक बटन किसी ने दबाया। वाहन को कंट्रोल रूम से ही तत्काल ट्रैक किया गया। इतना ही नहीं इसकी सूचना डायल 100 को भी दी गई। आरटीओ संजय तिवारी ने बताया कि व्हीकल लोकेशन एंड ट्रेकिंग (VLTD) डिवाइस और पैनिक बटन के ट्रायल के लिए भोपाल जिले के 46 एवं प्रदेश के करीब सवा 325 वाहनों की मॉनिटरिंग शुरू कर दी गई है।
18 करोड़ खर्च हुए
केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन जारी करने के बाद मध्यप्रदेश के परिवहन विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया। भोपाल के आरटीओ ऑफिस में करीब 18 करोड़ रुपए कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। अभी इसका ट्रायल चल रहा है। पहले इसे अक्टूबर में शुरू होना था, लेकिन यह शुरू नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उद्घाटन करते ही पूरी तरह शुरू कर दिया जाएगा।
अभी करीब साढ़े 14 हजार रुपए का खर्च आ रहा
प्रदेश में 4 कंपनियों को डिवाइस व पैनिक बटन लगाने का काम दिया गया है। वाहन मालिक को प्रति वाहन अभी करीब साढ़े 14 हजार रुपए खर्च करना पड़ रहा है। डिवाइज की कीमत कम करने के लिए जल्द ही कुछ और कंपनियों को और डिवाइस लगाने का काम दिया सकता है। इससे प्रति सेट एक कीमत की 5 हजार रुपए तक हो सकता है। आरटीओ संजय तिवारी ने बताया कि इस कंट्रोल रूम से कुछ सिस्टम लगाकर पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत की जा चुकी है। रिजल्ट अच्छे जा रहे हैं। ट्रेकिंग सिस्टम काम कर रहे हैं।
पैसेंजर कॉमर्शियल व्हीकल
कुछ दिन पहले ही शुरुआत केंद्रीय परिवहन विभाग के सितंबर में जारी नोटिफिकेशन के बाद भोपाल आरटीओ में व्हीएलटीडी व पैनिक बटन लगाने की शुरुआत हुई। अप्रैल 2023 से उन्हीं कॉमर्शियल व्हीकल को फिटनेस सर्टिफिकेट मिलेगा, जिनमें व्हीएलटीडी और पैनिक बटन लगा हो। स्कूल बस संचालकों ने आरटीओ से बसों में 4 महीने का समय मांगा है।