भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी, 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का बुधवार को निर्देश दिया। सेंट्रल बैंक के इस फैसले के बाद पेटीएम ने कहा कि सबसे खराब स्थिति में 300 करोड़ रुपये से 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। हालांकि, कंपनी उम्मीद जताई कि वो मुनाफा की स्थिति संभलाने में सफल रहेंगे।
क्या करें शेयरों का?
बुधवार को पेटीएम के शेयर 761 रुपये के लेवल पर बंद हुए थे। ब्रोकरेज फंड जेएम फाइनेंशियल ने कहा है कि पेटीएम के शेयर 590 रुपये तक लुढ़क सकते हैं। ब्रोकरेज फंड का कहना है कि मौजूदा निवेशकों के पेटीएम के शेयर मौजूदा स्थिति में बेच देना चाहिए।
क्या है रिजर्व बैंक का बयान
आरबीआई ने एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। इन रिपोर्टों से भुगतान बैंक में लगातार नियमों के गैर-अनुपालन और सामग्री पर्यवेक्षण से जुड़ी चिंताएं सामने आईं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के ग्राहकों को किसी भी ब्याज, कैशबैक या रिफंड को किसी भी समय जमा किया जा सकता है।
पेटीएम ने क्या कहा है?
रिजर्व बैंक के इस फैसले के बाद पेटीएम ने कहा है, “हमारे फाउंडर ने फिर से स्पष्ट किया है कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष मालिकाना हक वाले शेयरों का ना तो कोई भी मार्जिन लोन नहीं लिया है और ना ही किसी शेयर को गिरवी रखा है”