नई दिल्ली: देश में जल्द ही लोग मेड इन इंडिया यात्री विमानों से सफर कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कल शिवमोगा हवाई अड्डे के उद्घाटन के दौरान जनसभा में कहा कि आने वाले दिनों में भारत को हजारों यात्री विमान चाहिए होंगे। अब जल्द ही भारत में बने (Made In India) यात्री विमान (Aircraft Manufacturing) उपलब्ध होंगे। पीएम मोदी ने बताया था कि आजादी के 60 दशक के बाद भी सिर्फ 74 ही एयरपोर्ट थे। बीजेपी ने 9 साल में 74 नए एयरपोर्ट बनवाए हैं। उन्होंने बताया कि एयर इंडिया ने दुनिया का सबसे बड़ा विमान खरीदने का सौदा किया है। एयर इंडिया का पहले जब चर्चा होती थी तो सिर्फ नकारात्मक बातों को लेकर ही पहचान होती थी। सिर्फ घाटे वाले बिजनस मॉडल के लिए और घोटालों के लिए ही एयर इंडिया जानी जाती थी। आज पूरी दुनिया में एविएशन का डंका बज रहा है। विमान अभी विदेशों से मंगा रहे हैं, लेकिन जल्द ही मेड इन इंडिया वाले विमानों पर लोग चलेंगे। ऐसा होने पर देश के लोगों को भी फायदा होगा। देश में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। लोगों को रोजगार मिलेगा और उनकी इनकम बढ़ेगी।
एयरोस्पेस इंडस्ट्री का हब बनाने की तैयारी
सरकार भारत को एयरोस्पेस इंडस्ट्री (Aerospace Industry) का हब बनाना चाहती है। भारत एविएशन इंडस्ट्री (Aviation Industry) में बड़ी ताकत बनकर उभर रहा है। सरकार चाहती हैं कि एयरबस (Airbus) और बोइंग (Boeing) जैसी दिग्गज कंपनियां भारत में ही विमान तैयार (Aircraft Manufacturing) करें। सरकार ने इस बारे में इन कंपनियों से बात भी की है और उनके जवाब का इंतजार है। हाल के वर्षों में एयरक्राफ्ट और टर्बो जेट्स के आयात में भारी तेजी आई है। सरकार ट्रेड डेफिसिट में कमी लाने के लिए ऐसी चीजों की पहचान कर रही है, जिनका बहुत ज्यादा आयात किया जा रहा है। एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनियां भारत से भी कुछ कलपुर्जे खरीद रही हैं, लेकिन सरकार इससे संतुष्ट नहीं है। वह चाहती है कि बोइंग और एयरबस भारत में अपनी फाइनल एसेंबली लाइन स्थापित करें।
फाइनल एसेंबली लाइन का मतलब है कि भारत में इसका पूरा सप्लाई चेन ईकोसिस्टम होगा। इनमें एयरक्राफ्ट की बॉडी बनाने से लेकर विंग्स, एसेंबल्ड इंजन, सीट आदि शामिल है।
यहां लगाया जा रहा प्लांट
आपको बता दें कि टाटा की अगुवाई वाला कंसोर्टियम वडोदरा में प्लांट लगा रहा है। इस प्लांट में सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बनाए जाएंगे। इसके लिए इंडियन एयरफोर्स ने 2021 में 21,935 करोड़ रुपये की डील की थी। एयरफोर्स को 56 ऐसे एयरक्राफ्ट देने के लिए टाटा ने एयरबस डिफेंस एंड प्रोजेक्ट के साथ हाथ मिलाया है। ये विमान पुराने पड़ चुके एवरो विमानों की जगह लेंगे। इस प्रोजेक्ट को घरेलू एयरोस्पेस क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस विमान का इस्तेमाल सिविल कामों उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है। समझौते के तहत एयरबस चार साल के भीतर स्पेन में अपनी असेंबली लाइन से 16 विमानों की आपूर्ति करेगी। इसके बाद 40 विमान भारत में ही बनाए जाएंगे
स्वदेशी कलपुर्जे का होगा इस्तेमाल
एयरक्राफ्ट में 96 फीसदी स्वदेशी कलपुर्जे लगाए जाएंगे। पहला मेड इन इंडिया एयरक्राफ्ट (Made in India Aircraft) सितंबर 2026 में मिलने की उम्मीद है। वायु सेना के अधिकारियों के मुताबिक यह विमान एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स (ALG) और यहां तक कि बिना तैयार रनवे से भी ऑपरेट हो सकेगा। विमान लगभग 70 यात्रियों को ले जा सकता है। ऐसा पहली बार होगा जब जब सी-295 विमान का निर्माण यूरोप के बाहर किया जाएगा। सी-295एमडब्ल्यू एयरक्राफ्ट 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है जो भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा। इसमें फास्ट रिस्पांस के लिए एक ‘रियर रैंप’ दरवाजा और सैनिकों और सामान के पैरा ड्रॉपिंग की सुविधा होगी है।