देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अक्टूबर के उत्तराखंड के दौरे के बाद शनिवार को कहा कि उत्तराखंड में पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिरों की उनकी यात्रा विशेष थी। पीएम ने कहा कि किसी को भी इन पवित्र स्थलों की प्राकृतिक सुंदरता और दिव्यता के लिए अवश्य जाना चाहिए।
पीएम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा – अगर कोई मुझसे पूछे कि आपको उत्तराखंड में एक जगह अवश्य देखनी चाहिए तो वह कौन सी जगह होगी, तो मैं कहूंगा कि आपको राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर अवश्य देखने चाहिए। प्राकृतिक सुंदरता और दिव्यता आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।
बेशक, उत्तराखंड में घूमने लायक कई प्रसिद्ध जगहें हैं और मैंने भी राज्य का दौरा किया है। मेरे उत्तराखंड के दौरे में सबसे यादगार अनुभव के रूप में केदारनाथ और बद्रीनाथ के पवित्र स्थान शामिल हैं लेकिन, कई वर्षों के बाद पार्वती कुंड तथा जागेश्वर मंदिर में लौटना विशेष रहा।
12 अक्टूबर को पिथौरागढ़ दौरे पर थे पीएम मोदी
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते गुरुवार यानी 12 अक्टूबर को उत्तराखंड दौरे पर थे। पीएम मोदी का ये दौरा काफी खास रहा, क्योंकि उन्होंने दो ऐसी धार्मिक जगहों का दौरा किया, जिसे अब विश्व पटल पर नई पहचान मिली। पीएम मोदी पहले आदि कैलाश के दर्शन करने पहुंचे और फिर वो अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम आए।
पीएम ने पार्वती कुंड पर लगाया ध्यान
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हेलीपैड से चीन सीमा से लगे ज्योलिंगकोंग पहुंचे। जहां पर उन्होंने ज्योलिंगकोंग स्थित मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने मंदिर की परिक्रमा करते हुए पार्वती कुंड पर ध्यान लगाया।
इसके बाद पीएम मोदी ने स्थानीय लोगों द्वारा दिए गए वस्त्र रं व्यंठलो और पगड़ी पहनी। ज्योलिंगकोंग से पार्वती कुंड को रवाना हुए।
जागेश्वर धाम की कई यादें ले गए साथ
प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी पर्वतीय क्षेत्रों में कई योजनाओं के लोकार्पण करने के साथ-साथ अपने साथ भी जागेश्वर धाम की कई यादें ले गए। मोदी को बतौर स्मृति चिह्न जागेश्वर धाम की ताम्र प्रतिमा भेंट की गई जबकि उन्हें यहां की सुराही भी भेंट स्वरूप प्रदान की गई।
पीएम ने आदि कैलाश को दी अंतरराष्ट्रीय पहचान
बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ज्योलिंगकोंग पहुंचने के बाद आदि कैलाश को अंतरराष्ट्रीय पहचान दे दी है। उनके दौरे के बाद इंटरनेट मीडिया पर जिस तरह लोग आदि कैलाश आने के लिए आतुर लग रहे हैं उससे आने वाले दिनों में आदि कैलाश पहुंचने वालों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी।