नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और कर्नाटक के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) के बीच सोमवार को हुई बैठक के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया है। दोनों नेता बैठक के इतर मिले। ये मुलाकात करीब 15 मिनट तक चली। माना जा रहा है कि इस बैठक में कर्नाटक विधानसभा चुनावों को लेकर बात हुई है। राज्य में इसी साल चुनाव होने हैं। बैठक में इस साल होने वाले 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर ही रणनीति बन रही है।
काफी समय से कर्नाटक में भी सत्ताधारी बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा चल रही है। ऐसे में येदियुरप्पा और पीएम मोदी की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। राज्य के सीएम बासवराज बोम्मई को लेकर पार्टी के एक धड़े में नाराजगी की खबरें भी आती रही हैं। कर्नाटक के सीएम पद से हटाए जाने के बाद येदियुरप्पा को पार्टी के संसदीय दल में शामिल किया गया है।
येदियुरप्पा के बाद सीएम बनाए गए बोम्मई का कार्यकाल काफी उथल-पुथल भरा रहा है। विपक्षी दल बोम्मई पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं और पेसीएम अभियान तक शुरू कर दिया। हालांकि, तमाम आरोपों के बाद भी बीजेपी ने कहा कि राज्य के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा।
बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह ने कर्नाटक ईकाई को राज्य की कुल 224 सदस्यीय विधानसभा में 136 सीटें जीतने का लक्ष्य सौंपा है। लेकिन यह इतना आसान भी नहीं होने वाला है। कर्नाटक में बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिलेगी। इस राज्य में देश की सबसे पुरानी पार्टी के पास कार्यकर्ताओं का एक मजबूत आधार भी है।
कर्नाटक में कांग्रेस, एचडी कुमारस्वामी वाली सरकार के पतन के बाद तीसरी बार बीजेपी सत्ता में आई थी। राज्य में होने वाले चुनावों से पहले पीएम मोदी और येदियुरप्पा की मुलाकात ने राज्य के नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं। उधर, कर्नाटक बीजेपी चीफ नलिन कुमार कटील ने भी बीजेपी महासचिव अरुण सिंह से मुलाकात की है। इन मुलाकातों का राज्य में क्या असर होगा ये तो आने वाले समय में पता चल ही जाएगा।