हमीरपुर :– जनपद की सरीला तहसील के जरिया थाना पुलिस द्वारा हत्या के तीन वाँछित अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने सुशील राजपूत पुत्र विनोद कुमार ,अस्पेंद्र उर्फ़ अप्पू पुत्र राधेश्याम व हरिश्चंद्र पुत्र लल्लू राजपूत निवासीगण ग्राम पवई थाना जरिया बीते 8 अक्टूबर को हुई हत्या के किया गया है।
बता दें कि ग्राम पवई के पास भूपसिंह राजपूत के खेत में बने ट्यूबेल के हौज में एक शव मिला था , जिसकी पहचान प्रदीप गुप्ता पुत्र धूराम गुप्ता ( उम्र करीब 45 वर्ष) निवासी पवई थाना जरिया जनपद हमीरपुर के रुप में हुई थी। सूचना पर फील्ट यूनिट टीम के द्वारा साक्ष्य इकट्ठे कर विवेचना शुरू की गई थी ,जिसमें सामने आया कि मृतक प्रदीप कुमार के उपरोक्त तीनों करीबी मित्र है, और तीनो नशे के आदी हैं। मृतक प्रदीप कुमार अपनी पत्नी से झगड़ा करके घर में अकेले रहने लगा और उसकी पत्नी अपनी ससुर के साथ अलग मकान में रह रही थी ।दिनांक 07.10.2024 को मृतक प्रदीप ने अपनी परचून की दुकान खोली और सुबह से ही नशे में दुकान में था इसी गुस्से में उसने अपने मोबाइल को भी तोड दिया था और अपनी दुकान बंद कर सुशील राजपूत के पवई वाली मड़ई में आया और कहा कि भाई मोबाइल चलो बनवा लाये और दोनों लोग राठ जाकर मोबाइल सही कराने हेतु निकले। राठ बाईपास पर शराब पीने के बाद मोबाइल दुकान में देकर वापस गौहाण्ड सत्तू ढाबा पर आकर चार डाईट खाना पैक कराया और दोनों लोग पवई शराब के ठेके पर गए । वहाँ पर सेल्समेन को प्रदीप ने एक डाईट खाना दिया जब सुशील ने अपने लिए खाना माँगा तो प्रदीप ने मना कर दिया । सुशील ने कहा कि दो रोटी खानी है क्या तुम मुझे अपना ड्राईवर समझ रखे हो और अपनी जरूरत पर ही मुझे लेकर चलते हो । इसी बात को लेकर दोनों में गाली गलौज हुआ और प्रदीप अपने पिता के घर खाना लेकर पहुँच गया। दरवाजे से आवाज देने पर प्रदीप के पिता ने दरवाजा नहीं खोला तब प्रदीप ने लाये हुए खाना को दरवाजे की दहलीज पर रखकर अपने मित्र अस्पेंद्र उर्फ़ अप्पू पुत्र राधेश्याम की किराने की दुकान पर चला गया। वहीं पर इसकी मुलाकात हरिश्चंद्र उर्फ़ किल्लू पुत्र लल्लू राजपूत से हुयी । हरिश्चंद्र ने प्रदीप से शराब पीने के लिए कहा तो प्रदीप ने हरिश्चंद्र को रुपये देकर पवई ठेके से शराब मंगाकर साथ में पीये । इसके बाद अस्पेंद्र और हरिश्चंद्र ने प्रदीप को वही पड़े तखत पर सोने के लिए बताकर दोनों लोग राठ दुर्गा पूजा देखने चले गए । वहां से लौटकर रात्रि लगभग 12 बजे के आसपास प्रदीप, अस्पेंद्र और हरिश्चंद्र , सुशील की मड़ई पर पहुँच गए वही पर तीनो लोगो ने जुआ खेला । सुशील के पास 1500 रुपये मौके पर थे वह अपना पैसा हार गया और इतने पर प्रदीप ने सुशील को गाली देते हुए कहा कि किसी की औकात पवई में है जो मेरी बराबरी कर ले और आपसी कहासुनी में एक थप्पड भी सुशील को मार दिया । सुशील ने कहा कि तुम बड़े आदमी हो तुम्हारी बराबरी हम कहा से कर सकते है और जुए में प्रदीप ने अस्प्रेंद्र और हरिश्चन्द्र के रूपये भी जीत लिए थे । इस पर यह तय हुआ कि सड़क के किनारे का मामला है लोंगों का आवागमन लगा रहता है पीछे परिवार वाले भी रहते है यहाँ से हटकर कही और चलकर जुआ खेलते है और चारो लोग वहां से देवीदीन के खेत में जाकर जुआ खेलने लगे । सुशील और हरिश्चन्द्र ताश पत्ते में इधर-उधर करके प्रदीप को हराने लगे । यह सब देखकर सुशील हँसने लगा कि प्रदीप भाई साहब को अच्छा फसाए हो सुशील के हसने पर प्रदीप चिढ़ गया और माँ बहन की गाली देने लगा । सुशील ने प्रदीप को मना किया और उससे एक हजार रुपये उधार लेकर जुंआ खेला और फिर से हार गया फिर सुशील ने कहा कि भाई साहब आप लोग खेलो मै प्रदीप की गाड़ी लेकर आता हूँ और अपनी मडई से गाडी लेकर खेत मे चला गया और वहीं पर गाड़ी खडी कर दिया । सुशील इस बार बैठकर जुआं देखने लगा । प्रदीप सारा पैसा हार चुका था इसी पर आपस में विवाद होने लगा सुशील को हँसी आई और कहा कि अब तुम्हारे साथ सही हुआ । इतने पर प्रदीप ने सुशील को माँ बहन की गाली देना शुरू कर दिया और सुशील गुस्से में आकर कहने लगा कि सारा दिन आज तुम मेरी बेज्जती कर रहो हो, गाली भी दे रहे हो और खेत में लगे तारबाडी का डंडा तोड़कर प्रदीप के सर पर खींचकर दो तीन लट्ठ मार दिया । प्रदीप वही पर गिरकर बेहोश हो गया । इसके बाद लोअर के नाड़ा से प्रदीप के गर्दन में लपेटकर तीनों अभियुक्त कुछ दूर खींच कर ले गए नाड़ा/डोरी टूट गयी । उसके बाद घसीटते हुए तीनो अभियुक्तों ने प्रदीप के शव को भूपसिंह पुत्र जयनारायण के ट्यूबेल से सटी पानी की टंकी की दीवाल पर शव को रखा । सुशील ने हरिश्चंद्र और अस्पेंद्र से कुछ बजनी चीज लाकर प्रदीप के शव को दवाने के लिए कहा। सुशील ने प्रदीप के शव को पानी की टंकी में गिरा दिया और अन्य अभियुक्तगण द्वारा लायी गयी मोटी लकड़ी से प्रदीप के शव को पानी में दबा दिए और तीनों लोग अपने घर के लिए निकले । सुशील ने प्रदीप के जीते हुए रुपयों में से हरिश्चन्द्र को 9000/-, अस्पेंद्र उर्फ़ अप्पू को 8000/- तथा अपने पास 8000/- रुपये रख लिए।
घटना करने वाले मुख्य अभियुक्त सुशील के द्वारा बताया गया कि मृतक प्रदीप से उसकी पुरानी रंजिश है। अभियुक्त सुशील गाँव की ही महिला से प्रेम प्रसंग था। एक बार जब वह महिला के घर में उससे मिलने गया तो प्रदीप ने यह बात उसके पति को बता दिया था तब सुशील को छत से कूदकर भागना पडा था । इन्ही अपमानों का बदला सुशील के मन में दृढ़ होता चला गया और दिन भर हुए विवाद और अपमान को बर्दास्त न कर पाने के कारण प्रदीप की लट्ठ से पीटकर हत्या कर दी। अभियुक्तगण द्वारा घटनास्थल के आसपास तरवाडी से लकड़ी/लट्ठ तोड़ने के स्थान से लेकर मारपीट करने और लट्ठ मारकर हत्या करना एवं शव को घसीटकर हौज में डुबो देने की बात स्वीकार की है घटना के सभी पुष्टि कारक साक्ष्य भी मिले है ।
पुलिस ने आरोपियों का आपराधिक बताया कि सुशील राजपूत पर
• मु०अ०सं० 318/22 धारा 3/25 ARMS ACT
• मु०अ०सं० 256/24 धारा 103(1)/61(2) BNS दर्ज हैं , अस्पेंद्र उर्फ़ अप्पू पुत्र राधेश्याम पर
• मु०अ०सं० 256/24 धारा 103(1) ,61(3)BNSऔर हरिश्चंद्र पुत्र लल्लू राजपूत पर
• मु०अ०सं० 66/21 धारा 120B/304B/306/376/498A IPC व 3/4 डीपी एक्ट
• मु०अ०सं० 256/24 धारा 103(1)/61(2) BNS के मामले दर्ज हैं।