आगरा किन्नर एक ऐसा शब्द है जिससे हर कोई बचाना चाहता है, इन्हें हीन भावना से लोग देखते हैं। यह लोग अधिकतर ट्रेनों, बसों, शादी, बच्चों के जन्म के दौरान ही दिखाई देते हैं। अब पुलिस ने असली और नकली किन्नरों के बीच होने वाले झगड़ो को लेकर एक बड़ा फैसला किया गया है। आगरा पुलिस कमिश्नरी में किन्नरों के बारे में जानकारी एकत्रित की जा रही है। दो महीनों की कवायद के बाद एडीसीपी एवं ट्रांस जेंडर प्रभारी पूनम सिरोही के नेतृत्व में किन्नरों की गणना की गई, जिनकी संख्या करीब 98 बताई जा रही है। किन्नरों की तमाम समस्याओं को लेकर पूनम सिरोही ने उन्हें आमंत्रित किया। पुलिस कमिश्नरी में 98 किन्नरों में से मात्र 50 किन्नर पुलिस लाइन स्थिति सभागार में पहुंचे किन्नर एवं उनके गुरुओं ने प्रतिभाग किया एडीपी पूनम सिरोही ने बताया कि पहली बार पुलिस द्वारा प्रयास किए गए हैं कि किन्नरों की समस्याओं को दूर किया जाए। जिसको लेकर सभी किन्नरों को बुलाया गया था। उन्होंने बताया गया कि ट्रांसजेंडर एवं किन्नरों को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें किन्नर एवं उनके गुरुओं ने प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि इस गोष्ठी के माध्यम से सभी को ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 और ट्रांसजेंडर प्रेसेंस प्रोटक्शन रूल्स 2020 के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। यही नहीं इन लोगों के लिए सरकार द्वारा जो योजना चलाई जा रही है। उनके बारे में भी अवगत कराया गया गोष्ठी में कई एनजीओ भी शामिल एडीसीपी ने बताया कि किन्नर गुरुओं ने अपनी कुछ समस्याओं से भी पुलिस को अवगत कराया है एवं उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए हैं। इस गोष्ठी में कई एनजीओ भी शामिल रहे। किन्नर समाज को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि पुलिस भी उनकी समस्याओं को सुन सकती है। उन्होंने पुलिस के इस प्रयास की जमकर प्रशंसा की।