एटा। शहर कोतवाली पुलिस को दो दर्जन से अधिक परिवारों के रोहिंग्या होने की सूचना मिलने पर हड़कंप मच गया। यह लोग कम से कम तीन वर्ष से गांव में रह रहे हैं। इन्हें गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा जगह उपलब्ध कराई गई, मगर सूचना पुलिस को नहीं दी गई।
रविवार को जब ग्रामीणों द्वारा पुलिस को जानकारी दी गई तो पुलिस एवं प्रशासनिक अमला दल-बल के साथ गांव जा पहुंचा और छानबीन शुरू कर दी। इन परिवारों के पास से जो पैनकार्ड और आधार कार्ड मिले हैं। उनको लेकर पुलिस ने आशंका जताई है कि फर्जी हैं। जांच शुरू कर दी गई है। एटा पुलिस आसाम पुलिस से संपर्क साध रही है।
पुलिसबल बुलाकर लोगों से की पूछताछ
दोपहर के वक्त रोहिंग्याओं की सूचना मिलने पर एसएसपी राजेश सिंह, एएसपी धनंजय कुशवाह गांव में पुलिस बल लेकर पहुंच गए और एक गोदाम के पास डेरा-तंबू तानकर रह रहे लोगों से पूछताछ शुरू कर दी।
पूछताछ के दौरान भाषा समझने की भी कठिनाई आई, लेकिन जब इन लोगों के आई कार्ड और पैन कार्ड देखे गए तो वे पुलिस को प्रथम दृष्टया फर्जी दिखाई दिए। इस पर एलआईयू की टीम जांच पड़ताल के लिए लगा दी गई, लेकिन कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई।
संपर्क सूत्रों की भी तलाश
शीतलपुर में जिस स्थान पर शक के दायरे में आए लोग रह रहे हैं, उनके रिश्तेदारों और संपर्क सूत्रों की भी तलाश की जा रही है। जिनके पास मोबाइल हैं, उनके नंबर खंगालकर यह पता लगाया जाएगा कि यह लोग किन लोगों के संपर्क में हैं। कहीं यह वाकई रोहिंग्या तो नहीं।
असम का निवासी बता रहे लोग
जिन लोगों पर शक है, वे खुद को असम का निवासी बता रहे हैं। ऐसी स्थिति में अब चुनौती और ज्यादा बढ़ गई है कि इन लोगों के बारे में अधिक से अधिक जानकारियां जुटाई जाएं, ताकि असलियत सामने आ सके कि कहीं यह लोग वाकई रोहिंग्या तो नहीं हैं।
बसाने वाले से होगी पूछताछ
जिस जगह पर आशंकित व्यक्ति रह रहे हैं, वह जगह शीतलपुर निवासी पप्पू की बताई गई है। पुलिस यह पता लगा रही है कि जगह वाले व्यक्ति ने आखिर समय रहते पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी। इस वजह से यह व्यक्ति भी शक के दायरे में आ रहा है। आखिर इतने लोगों को कैसे अपनी जगह में रहने की अनुमति दे दी।
रोहिंग्या होने की सूचना पर बस्ती में जाकर चेकिंग की गई। यह जानकारी मिली थी कि कुछ लोग असम से आकर यहां रह रहे हैं। इनके जो आधार कार्ड और पैन कार्ड मिले हैं, वे प्रथम दृष्टया फर्जी प्रतीत होते हैं। ऐसे में जांच कराई जा रही है। सूचनाएं जुटाने के लिए एलआईयू की टीम लगाई गई है। एक क्षेत्राधिकारी भी लगाए गए हैं। असम पुलिस से भी संपर्क साधा जा रहा है। जिस व्यक्ति ने इन लोगों को रहने की अनुमति दी, उसने पुलिस को सूचना नहीं दी। इसलिए उसकी भूमिका की भी जांच कराई जाएगी और पूछताछ भी होगी। राजेश सिंह, एसएसपी एटा