आगरा ताजगंज थाना क्षेत्र में बढ़ती लूटपाट और चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं। एसीपी ताज सुरक्षा अरीब अहमद ने थाना क्षेत्र के अधीनस्थ अधिकारियों को इन घटनाओं पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए। ताजगंज पुलिस ने आखिरकार इन घटनाओं में वांछित चल रहे फरार आरोपी फरदीन को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है, जबकि उसका एक साथी रिजवान अभी भी फरार है।
थाना ताजगंज में मामला दर्ज
डीसीपी सिटी सूरज राय ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 25 सितंबर को पीड़िता अपनी बहन को डॉक्टर के पास ले जा रही थी। जब वह रिक्शा में बैठी, तभी दो अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए और उसका हैंडबैग छीनकर भाग गए। पीड़िता के बैग में मोबाइल फोन और अन्य कीमती सामान था। इस संबंध में थाना ताजगंज में मामला दर्ज कराया गया था।
26 सितंबर को लूट को दिया अंजाम
इसी गिरोह ने 26 सितंबर को एक और लूट की घटना को अंजाम दिया। जब पीड़िता अपने घर एक्टिवा स्कूटी से लौट रही थी, तब दो अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और उसे चोट पहुंचाकर उसके गले का लॉकेट और पीली धातु की चेन छीनकर भाग गए। इस मामले में भी ताजगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तीसरी घटना 15 अक्टूबर की है, जिसमें एक पीड़िता ने बताया कि जब वह अपनी नौकरी से लौट रही थी, तो एक अज्ञात व्यक्ति स्कूटी से आया और उसका मोबाइल फोन छीनकर फरार हो गया। इन तीनों मामलों की जांच के लिए पुलिस ने विशेष टीम का गठन किया था
ये चीजें बरामद
पुलिस उपायुक्त सूरज राय ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि फरदीन, जो कि कई लूटपाट और चोरी की घटनाओं में शामिल था, ताजगंज के आईकॉन होटल चौराहे के पास देखा गया है। पुलिस ने तत्काल चेकिंग अभियान शुरू किया और फरदीन को गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने 5 लूटे गए मोबाइल फोन, अपराध में प्रयुक्त मोटरसाइकिल, एक चोरी की स्कूटी और 10 अन्य मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
पूछताछ में पता चला ये सब
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में फरदीन ने बताया कि वह बेरोजगार है और इससे पहले भी कई बार चोरी के मामलों में आगरा और झांसी की जेल में जा चुका है। उसने यह भी स्वीकार किया कि वह अपने साथी रिजवान के साथ मिलकर इन वारदातों को अंजाम देता था। उसके दो अन्य साथी, दानिश और हुसैन, भी चोरी के मामलों में जेल जा चुके हैं। फरदीन फरीदाबाद के खेड़ीपुर का निवासी है और उसके खिलाफ आगरा और झांसी में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।