बालोद जिले की गुरूर नगर पंचायत की कांग्रेस अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान कराने में हो रही देरी से पार्षद भड़के हुए हैं। गुरुवार को गुरूर नगर पंचायत के पार्षदों ने कलेक्टर से मुलाकात की और 3 दिनों के अंदर वोटिंग प्रक्रिया संपन्न कराने की मांग की है।
पार्षदों का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव पर लगी रोक हटे हुए 15 दिन से भी अधिक का समय गुजर चुका है, लेकिन मतदान कराने पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे पार्षद काफी परेशान हैं। कांग्रेस पार्टी के पार्षद खिलानंद साहू ने कहा कि यहां पर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना हो रही है। हम लगातार कलेक्टर महोदय से मांग कर रहे हैं कि जल्द ही मतदान की तारीख तय करें, लेकिन अब तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया है। पार्षदों ने कहा कि अगर 3 दिन के अंदर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की तिथि निर्धारित नहीं की जाती है, तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर जिला कार्यालय के सामने बैठ जाएंगे।
नगर पंचायत के उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर को हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी दी है, ताकि उसके आधार पर जल्द से जल्द मतदान प्रक्रिया संपन्न कराया जाए। इस दौरान पार्षद खिलानंद साहू, सोनू लोहिले, मुकेश साहू समेत अन्य पार्षद मौजूद रहे।
गुरूर नगर पंचायत अध्यक्ष की याचिका हाईकोर्ट ने कर दी थी खारिज
3 दिसंबर को गुरूर नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू को तगड़ा झटका देते हुए हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में गुरूर नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लगी रोक को हटा दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद कलेक्टर को अब नए सिरे से अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बैठक की तिथि तय करना है। लेकिन तारीख तय करने में हो रही देरी से पार्षद नाराज हैं।
ये है पूरा मामला
गुरूर नगर पंचायत के एक तिहाई से ज्यादा पार्षदों ने 9 फरवरी 2022 को कलेक्टर को पत्र लिखकर नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वर साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए बैठक बुलाने की मांग की थी। जिस पर कलेक्टर ने जांच समिति बनाई और लगाए गए आरोपों की जांच के निर्देश दिए थे। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में पार्षदों द्वारा लगाए गए आरोपों को सही बताया था। इसके बाद कलेक्टर ने 25 फरवरी 2022 को अविश्वास प्रस्ताव के लिए आदेश पारित कर दिया था।
कलेक्टर ने पार्षदों की बैठक के लिए 11 मार्च 2022 की तिथि तय की थी, लेकिन नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू ने इसके खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस पर रोक की मांग की थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद कलेक्टर द्वारा जारी अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के फैसले को लेकर विरोधी पार्षदों ने याचिका दायर की। इनका केस वकील प्रतीक शर्मा लड़ रहे थे। उन्होंने नगरपालिक अधिनियम में दिए गए प्रावधान का हवाला देते हुए कहा कि नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू की याचिका खारिज करने योग्य है।
नए सिरे से शुरू होगी प्रक्रिया
मामले की सुनवाई जस्टिस पी. सैम कोशी की सिंगल बेंच में हुई थी। हाईकोर्ट ने 3 दिसंबर को अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू की रिट याचिका को खारिज कर दिया था। साथ ही अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया पर लगाई गई रोक के आदेश को भी रद्द कर दिया था।
अध्यक्ष बनाने में असफल रही थी भाजपा
शुरुआत से ही गुरूर नगर पंचायत में राजनीति हावी रही। तथाकथित नेताओं का नेतृत्व भी कमजोर रहा। यहां तक भाजपा के पार्षदों की संख्या अधिक होने के बाद भी वहां पर कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी टिकेश्वरी साहू ने अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया था। अब जब 3 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव पर लगा स्टे हट गया, तो अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी-कांग्रेस को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी। नए सिरे से अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक का आयोजन किया जाएगा। पार्षदों के सम्मेलन में मतदान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। काउंटिंग के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे।